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स्पॉट लाइट: हाथ से छूकर पॉलीथिन का माइक्रोन जांच लेते हैं अफसर

locationखंडवाPublished: Jul 04, 2022 01:01:16 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

अमानक माप का कौई पैमाना नहीं, फल-सब्जी की दुकानों में रोज होती है सप्लाई

Spot light: Micron checks by touching by hand

Spot light: Micron checks by touching by hand

खंडवा. अमानक पॉलीथिन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगने के बाद सरकारी अफसरों को कार्रवाई का आंकड़ा बढ़ाने का टास्क मिला है। गौर करने वाली बात तो यह है कि होनहार अफसर हाथ से छूकर ही पता कर लेते हैं कि कौन की पॉलीथिन अमानक है और कौन की मानकों पर खरी उतर रही है। उसके लिए उन्हें किसी वैज्ञानिक उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती। मौजूदा समय में नगर पालिक निगम के अफसर पॉलीथिन का कारोबार करने वाले व्यापारियों के यहां नजर बनाए हुए हैं। व्यापारी खुद बता रहे हैं कि इसके पहले की गई पॉलीथिन जब्ती और जुर्माने की कार्रवाई में वैज्ञानिक तरीके से यह तक नहीं जांचा गया कि कौन की पाॅलीथिन कितने माइक्रोन की है? यहां सवाल उठना लाजमी है कि आखिर किस आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
50 से अब 75 माइक्रोन
1 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जानकार बताते हैं कि आने वाले समय में 75 माइक्रोन से अधिक की पॉलीथिन ही उपयोग में लाई जा सकेंगी। अभी छोटे फुटकर व्यापारी, सब्जी और फल विक्रेता 50 माइक्रोन से कम की पॉलीथिन ग्राहकों को दे रहे हैं।
फेरी वालों पर सख्ती जरूरी
प्लास्टिक के ग्लास, प्लेट और चम्मच पर भी प्रतिबंध लग चुका है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। डाइजेशन सिस्टम को बिगाड़ने के अलावा पथरी की शिकायत को बढ़ाता है। सिंथेटिक पॉलीमर से बने होने की वजह से इनका केमिकल धूप और मौसम की वजह से असर डालता है। छोटे दुकानदारों, फल, सब्जी वालों तक फेरी वाले अमानक पॉलीथिन पहुंचा रहे हैं। यह बात सामने आई है कि कुछ बाहरी व्यापारी फेरी वालों के सहारे अपना कारोबार चला रहे हैं। जरूरी है कि नियमित रूप से कार्रवाई की जाए, ताकि अमानक पॉलीथिन का चलन बंद हो सके।
ऐसे करें अमानक की पहचान
बाजार में जितनी भी थैली फुटकर मिलती हैं, वह सभी एनजीटी की बैन की सीमा में आती हैं। अगर थैली उंगली के जोर लगाने पर आराम से फट जाए तो समझ लो कि यह 50 माइक्रोन से कम पतली है। बैन की सीमा के बाहर सिर्फ वही पॉलिथीन हैं, जिनका इस्तेमाल बड़ी कंपनियां अपने प्रॉडक्ट्स को पैक करने के लिए करती हैं। मिसाल के तौर पर दूध या ऑइल पैक करने की थैलियां। इन्हें आसानी से फाड़ नहीं सकते, इन्हें काट कर ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
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