जलकुआं में व्यावसायिक ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट पुनासा तहसील के जलकुआं में व्यावसायिक ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाने दस एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई है। इसमें खेतों के वेस्ट यानी कृषि अपशिष्ट से सीएनजी, एलएनजी और बायोहाइड्रोजन गैस बनेगी। इससे वाहन चलाए जा सकेंगे। उद्यमियों के प्लांट को लगाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे दी है। सरकार की सहायता से 60 करोड़ रुपए की लागत से प्लांट लगेगा। प्रधानमंत्री के ग्रीन एनर्जी के उत्पादन के आह्वान पर एमएसई विभाग ने इनवेस्टरों को सैद्धांतिक दे दी है।
तीन तरह की एनर्जी बनेगी उद्यमी जयेश जायसवाल का दावा है कि इस प्लांट में किसानों के खेतों के खरपतवार का उपयोग होगा। कृषि अपशिष्टों से प्रतिदिन एक टन क्रूड ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इसमें मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन डाई आक्साइड व चारकोल अलग हो जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग जेट विमान इस क्रूड ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग जेट विमान, राकेट, वायुयान आदि के ईंधन के रूप में किया जा सकता है। तकनीक इजाद करने वाले मिर्जापुर (यूपी) के वैज्ञानिक डॉ. प्रीतम सिंह कहते हैं कि उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन 99.9 फीसदी शुद्ध होगी। इस प्लांट में 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।
हर रोज सात टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन वैज्ञानिक बताते हैं कि 15 टन कृषि अपशिष्ट (बायोमास- पराली, भूसा, सब्जियों के छिलके, पेड़-पौधों की पत्तियां, लकड़ी, पाम वेस्ट, फूल आदि) से साढ़े सात टन क्रूड हाइड्रोजन गैस तैयार की जा सकती है। साथ ही एक किग्रा बायोमास से दो यूनिट व 1000 किग्रा से दो मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
गौरीकुंज में औद्योगिक विकास सम्मेलन आज जिला प्रशासन औद्योगिकक्लस्टर विकास सम्मेलन व रोजगार दिवस गौरीकुंजसभागार में आयोजित होगा। विभिन्न विभागों के द्वाराहितग्राही मूलक योजनाओं के तहत ऋण वितरण किया जागएा। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा।
हाइड्रोजन प्लांट लगाने की तैयारी जलकुंआ में व्यवसायिक ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाने की तैयारी है। जिसका भूमि पूजन औद्योगिक विकास सम्मेलन में होगा। इस दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार के लिए ऋण वितरण किए जाएंगे।
टीआर रावत, जिला महाप्रबंधक, डीआइसी