स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में 6 हजार अंकों के लिए देशभर के शहरों में प्रतिस्पद्र्धा चल रही है। इसमें 1500 अंक सिटीजन फीडबैक, 1500 अंक स्वच्छ सर्वेक्षण के डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, 1500 अंक स्वच्छ लीग में सर्विस लेवल जबकि 1500 अंक सर्टिफिकेशन में से 1000 अंक गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) व 500 अंक ओडीएफ डबल प्लस से मिलेंगे। इसलिए स्टार रेटिंग के दावे पर खरा उतरने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी होंगे।
1. कंटेनर मुक्त शहर
नगर निगम ने चौक-चौराहों व सार्वजनिक स्थानों से कंटेनर्स हटा दिए हैं। खुले में कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना कर रहे हैं।
चुनौती: चौराहों पर कचरा फेंकने की आदत अभी-भी नहीं गई है, सतत निगरानी की दरकार।
2. डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
शहर के 50 वार्डों में अब वाहन पहुंचने लगे हैं। दिसंबर में जहां 27 वाहन थे, वहीं अब इस महीने तक 57 वाहन होने की उम्मीद है।
चुनौती: कई लोग अब-भी गीला-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं दे रहे हैं, इन्हें सुधारना जरूरी।
3. नालों की सफाई और जालियां
शहरी नालों की सफाई पर स्टार रेटिंग की टीम ध्यान देगी। इसे देखते हुए निगम ने प्रमुख नालों पर जालियां लगाकर पेंटिंग कर दी है।
चुनौती: लोग अब-भी नालों में गंदगी फैला रहे हैं। प्लास्टिक की सामग्री का निष्पादन इनमें कर रहे हैं।
4. सड़क किनारे सौंदर्यीकरण
सड़क के बीच व किनारे के डिवाइडर का रंग-रोगन करने के साथ ही प्रमुख क्षेत्रों में दीवारों पर थ्री डी पेंटिंग से स्वच्छता का संदेश
चुनौती: सौंदर्यीकरण के बाद देखरेख नहीं होती है, जिससे शहर की स्वच्छता होती है धूमिल।
5. संस्थानों को भी सर्वेक्षण से जोड़ा
निगम ने शैक्षणिक संस्थान सहित सरकारी कार्यालयों, होटल्स, रहवासी संघ, अस्पताल अन्य को भी जोड़ा है।
चुनौती: ननि के खुद के ही दफ्तरों में ही सुधार की दरकार है। यहां साफ-सफाई व पीकदान बने कोने साफ कराने पर फोकस करना होगा।
स्टार रेटिंग के लिए टीम की दस्तक होने वाली है। ये कम से कम चार दिन तक शहर में रहेगी। डोर-टू-डोर में गीला-सूखा कचरा अलग, बिन फ्री सिटी, सीएंडडी वेस्ट, नाले, वाटर बॉडी, ट्रेंचिंग ग्राउंड, सीटीपीटी, स्कूल सहित प्रमुख मार्गों पर जायजा लेगी। हम तैयारी में जुटे हैं।
हिमांशु सिंह, आयुक्त, ननि