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आध्यात्मिक शक्ति से समस्त विश्व पर विजय प्राप्त करेगा भारत

locationखंडवाPublished: Jan 15, 2019 12:29:26 pm

स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला… रामकृष्ण मिशन गुजरात राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद का हुआ व्याख्यान।

Swami Vivekananda

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खंडवा. देश में 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं, जिन्हें दो बार
खाना पूरा नहीं मिलता है और 25 फीसदी निरक्षर हैं। ये हमारे लिए कलंक की
बात है। विश्व गुरु से पहले हमें भारत को विकसित बनाना होगा। स्वामी
विवेकानंद जी ने हमें ब्लू प्रिंट दिया है कि किस तरह भारतीय आध्यात्मिक
संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे। शिक्षा ही सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
ये शिक्षा भी एेसी हो कि जो मनुष्य व चरित्र निर्माण करे। बचपन से ही
देशप्रेम की भावना हो। आध्यात्मिक शक्ति से ही भारत समस्त विश्व पर विजय
प्राप्त करेगा।
स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला के दूसरे दिन सोमवार को रामकृष्ण मिशन
गुजरात राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद ने गौरीकुंज सभागार में
कही। उन्होंने कहा कि ये प्रण लेना चाहिए कि हम पाश्चात्य संस्कृति के
अच्छे गुणों को अवश्य लेंगे लेकिन उनके दुगुर्णों को नहीं लेंगे। उसका
अंधानुकरण नहीं करेंगे। हमारी युवा पीढ़ी को भी हम यही कहना चाहते हैं कि
पश्चिम से साइंस-टेक्नालॉजी सब लीजिए, परंतु पाश्चात्य संस्कृति में जो
मूल्य नहीं है, उन्हें मत लीजिए। भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति व पाश्चात्य
संस्कृति, दोनों को मिला लीजिए और दोनों के सद्गुणों को लेकर एक नई
वैश्विक संस्कृति बने। आज इंटरनेट के द्वारा जब सारा विश्व एक हो गया है
तो एक वैश्विक संस्कृति चाहिए। अर्नाल्ड टायन बी महात्मा गांधी व सम्राट
अशोक के अहिंसा के सिद्धांत व रामकृष्ण देव ने जो कहा था कि सर्वधर्म
समन्वय की भावना, यही मूल्य व भावना संपूर्ण विश्व को विनाश से बचा सकते
हैं। इसलिए सबको भारत के चरणों पर बैठना पड़ेगा। भारतीय दर्शन पर बैठना
पड़ेगा। चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण व इससे विश्व निर्माण में जुट
जाएं। अध्यक्षता महंत स्वामी ओमकारानंद महाराज ने की। संचालन मंगलेश तोमर
ने किया।
दो पाप की वजह से झेलना पड़ी गुलामी
स्वामी निखिलेश्वरानंद ने कहा कि जो कुछ भी संस्कृति विश्व में है, उसके
मूल में भारत है। प्रत्येक क्षेत्र में भारत सर्वोच्च शिखर पर था। लेकिन
वेदांत के ज्ञान को हम आचरण में नहीं लाए। दो बड़े पाप- आम जनता की
उपेक्षा और नारी पर अत्याचार की वजह से एक हजार वर्ष की गुलामी झेलना
पड़ी। स्वामी विवेकानंद ने पश्चिम को वेदांत का अमृत पिलाकर वहां से
साइंस और टेक्नालॉजी को भारत को दिया। जमशेद टाटा ने भी उनके कहने पर ही
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की नींव रखी।
ये भी कहा-
– पहली बार भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति व योग को विदेश में स्वामी
विवेकानंद ही लेकर गए।
– भारत के वसुधैव कुटुम्बकम से वैश्विक शांति और वेदांत अमृत से मन को
शांति मिलेगी।
– विश्व को भारत के चरणों में एक बार फिर आना होगा क्योंकि आध्यात्मिक
संस्कृति ही बचाएगी।
– वेस्टर्न मॉडल स्टे्रस मैनेजमेंट भी भारत के ध्यान व योग के मुकाबले फेल है।
– स्वामीजी ने कहा था कि ग्लोबलाइजेशन के तहत आयात करेंगे पर ध्यान,
वेदांत, योग को निर्यात भी करेंगे।
– भ्रष्टाचार की वजह से ही सही विकास नहीं हो पा रहा है, देशसेवा की
भावना के बगैर नेता देश संभाल रहे हैं।
– स्वामीजी ध्यान के बाद बोल उठे थे कि भारत का आगामी 500 वर्ष का इतिहास
देख लिया। भारत महान बन गया है।
खंडवा में भी हो केंद्र
1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना हुई। 200 सेंटर देश-विदेश में हैं।
1000 एेसे सेंटर हैं जो गृहस्थ भक्त करते हैं। हमारी इच्छा है कि खंडवा
में भी स्वामी विवेकानंद जी खंडवा आए थे। वो मकान, वो पलंग आज भी यहां
मौजूद हैं। यहां भी एक सेंटर तो होना चाहिए, जिसमें आकर लोग स्वामी
विवेकानंद व रामकृष्ण देव की भावनाओं से ओत-प्रोत हो जाएं। आज मुझे जब
अवसर मिला है तो अपील करूंगा कि यहां एक सेंटर बने। यहीं संकल्प लिया था
विवेकानंद जी ने शिकागो जाने का। खंडवा भी वल्र्ड मैप सेंटर में आ जाना
चाहिए।
अपरिहार्य कारणों से यादव के स्थान पर आएंगे केतकर
व्याख्यानमाला के तीसरे दिन मंगलवार को वैचारिक षडयंत्र-खंडित होता भारत
विषय पर व्याख्यान के लिए राज्यसभा सांसद का आना अपरिहार्य कारणों से
स्थगित हो गया है। अब श्रेष्ठ भारत का सूत्र- एकात्म दर्शन पर प्रफुल्ल
केतकर का व्याख्यान होगा।

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