5 फीट की टंट्या मामा की प्रतिमा लगाएंगे
भवन के फ्रंट में टंट्या मामा की 5 फीट की मूर्ति लगाई जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को उनसे देशभक्ति की प्रेरणा मिल सकेगी। सीढिय़ों के अलावा एक लिफ्ट भी लगाई जाएगी। इसके माध्यम से विद्यार्थी किसी भी फ्लोर पर आसानी से आ जा सकेंगे। थंब सिस्टम होगा, जिससे विद्यार्थियों की संस्थान में आने और जाने के समय की जानकारी माता-पिता को मैसेज के माध्यम से मिल सकेगी। जिन विद्यार्थियों का शा. सेवा में चयन नहीं होगा।
जनप्रतिनिधियों व जन सहयोग से होगा निर्मित
संस्थान के संस्थापक और पंधाना विधायक राम दांगोरे ने बताया कि समस्त विद्यार्थियों और समिति की इच्छा थी कि हमारा अपना भवन बने। पिछले 6 वर्षों से हम किराए के भवन ने संस्था को संचालित कर रहे थे। यह भवन हमारे यहां से शासकीय सेवा में कार्यरत विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों और जन सहयोग से निर्मित किया जाएगा। 6 वर्षों तक अध्ययन केंद्र ने किसी भी शासकीय या अन्य कोई आर्थिक सहायता का लाभ नहीं लिया है। 4 दिसंबर को सुबह 8 बजे टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर पूजन हवन किया जाएगा और 5 दिसंबर को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के साथ इसका भूमिपूजन किया जाएगा। यह भवन करीब डेढ़ वर्ष में बनकर तैयार होगा।
यह सुविधा होगी टंट्या भील अध्ययन केंद्र में
100 विद्यार्थियों की क्षमता वाला एक बॉयज हॉस्टल होगा।
एक मेस संचालित होगी, जिसमें सभी विद्यार्थियों को भोजन की व्यवस्था रहेगी।
पुराने बिल्डिंग में छात्राओ के लिए हॉस्टल की व्यवस्था रहेगी। यह नए भवन से 500 मीटर की दूरी पर है।
पूरा भवन वातानुकूलित होगा, प्रत्येक कमरे में एयरकूल्ड सिस्टम लगा होगा।
हाइटेक पुस्तकालय होगा जो करीब 30 लाख रुपए की लागत से बनेगा।
पुस्तकों के अलावा ऑनलाइन स्टडी सिस्टम लगा होगा।