लोगों को करते हैं प्रेरित
शुक्ला ने लोगों को पौधरोपण के प्रति प्रेरित करने के साथ ही जन सहयोग से क्षेत्र में अभी तक एक लाख से अधिक पौधों का रोपण करवा चुके हैं। दामखेड़ा खुर्द के आदिवासी युवक श्याम बामनिया व धर्मेंद्र हिरवाल का कहना है कि शिक्षक गिरीश शुक्ला के मार्गदर्शन में हमने धारा जी के जंगल में फलदार व छायादार पेड़ों के पांच सौ पौधों का रोपण किया है। इसमें सीताफल, पलाश, अमलतास के पौधे लगाए हैं। शिक्षक शुक्ला ने स्वयं के सरकारी निवास पर खाली जगह में जंगल से बीज बीनकर नर्सरी में पौधे विकसित करके नि:शुल्क लोगों को पौधरोपण के लिए देते हैं।
कैडेट्स को भी करते हैं अवेयर
एनसीसी एनओ गिरीश शुक्ला कैडेट को भी पेड़-पौधों का महत्व बताने के लिए वन ले जाते हैं और समय-समय पर छात्रों से पौधरोपण भी कराते हैं, ताकि छात्र पेड़-पौधों का महत्व भलीभांति समझ सकें। शिक्षा के साथ इस तरह का कार्य दूसरों को पौधरोपण के क्षेत्र में आगे आने प्रेरणादायी है।
ऐसे पौधों का चयन, जिसे जानवर न पहुंचाएं नुकसान
नर्सरी से अभी तक बरगद, पीपल, देसी आम, जामुन, नीबू, पलाश, सीताफल, अमलतास के पौधों का वितरण कर चुके हैं। सीताफल, अमलतास, पलाश के पौधों का रोपण करने के पीछे शुक्ला का मानना है कि यह पौधे जानवर नहीं खाते हैं, जिससे इन पौधों की देखभाल करना आसान होता है। साथ ही सीताफल के पौधों को विकसित होने के बाद कई युवाओं को रोजगार मिल सकता है। सीताफल बेचकर अपनी अमदनी को बढ़ा सकते हैं।