एएसआई के शव को ले जाने के लिए भी नहीं मिली शव वाहिनी
खंडवाPublished: Jun 03, 2020 10:33:40 pm
-परिजन पौन घंटा अस्पताल परिसर में शव लेकर बैठे रहे-पुलिस के वाहन को बुलाकर शव घर ले गए मृतक के परिजन
-परिजन पौन घंटा अस्पताल परिसर में शव लेकर बैठे रहे-पुलिस के वाहन को बुलाकर शव घर ले गए मृतक के परिजन
खंडवा.
जिला अस्पताल में शव वाहिनी के लिए मृतकों के परिजनों का परेशान होना आम बात हो गया है। बुधवार को जिला अस्पताल की इस अव्यवस्थाओं का शिकार एक पुलिसकर्मी का परिवार भी हुआ। शव को लेकर पौन घंटे से ज्यादा समय परिजन अस्पताल परिसर में बैठे रहे, लेकिन शव वाहिनी नहीं आई। आखिरकार परिजन ने पुलिस वाहन को बुलवाया और शव को घर ले गए। पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने पास कोई शव वाहिनी उपलब्ध होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
मोघट थाना एफआरवी डायल 100 में पदस्थ एएसआई अशोक वर्मा की मंगलवार शाम को हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी। बुधवार सुबह जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे शव को ले जाने के लिए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहिनी की मांग की। शव वाहिनी आने की उम्मीद से परिजन शव को स्ट्रेचर पर लेकर बाहर परिसर में आ गए और इंतजार करने लगे। करीब आधा घंटे तक भी जब शव वाहिनी नहीं आई तो मृतक के रिश्तेदार रणधीर कैथवास ने सिविल सर्जन को फोन लगाकर वाहन की व्यवस्था करने की मांग की। सिविल सर्जन डॉ. ओपी जुगतावत का कहना था कि हमारे पास कोई शव वाहिनी नहीं है। गुरुद्वारा से वाहन मंगा लो। इसके बाद परिजन ने पुलिस लाइन फोन कर पुलिस वाहन की व्यवस्था कराई। जिसके बाद परिजन शव लेकर घर को रवाना हुए।
कोरोना ड्यूटी में लगी शव वाहिनी
हमारे पास शव वाहिनी नहीं है, हम नगर निगम की शव वाहिनी का उपयोग करते हैं। वो शव वाहिनी भी कोरोना और संदिग्ध मृतकों के शव ले जाने के लिए रखी गई है। उसमें सामान्य बीमारी से मौत के मामले में नहीं भेज सकते थे। परिजन को कहा था कि पहले वाहन की व्यवस्था कर लो, फिर शव मोर्चरी से बाहर लाना था।
डॉ. ओपी जुगतावत, सिविल सर्जन जिला अस्पताल