ब्लैक फंगस से जिले में पहली मौत का मामला आया सामने
खंडवाPublished: May 16, 2021 11:36:08 am
इंदौर से रेफर हुई महिला की कोविड अस्पताल में मौत, बीमारी आम होते ही सामने आने लगे ब्लैक फंगस के मरीज
खंडवा. कोरोना के पॉजीटिव मरीजों में ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड प्रीकवेली के रूप में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) की बीमारी असर कर रही है। अब तक जिले में ब्लैक फंगस के पांच मरीज हो चुके है। जिसमें से एक महिला मरीज की मौत शुक्रवार रात खंडवा कोविड अस्पताल में हो चुकी है। ये जिले में ब्लैक फंगस से मौत का पहला मामला है। हालांकि ब्लैक फंगस से पूर्व में भी एक मरीज की मौत होना सामने आ रहा है, लेकिन वो मरीज इंदौर में भर्ती था। वहीं, तीन अन्य मरीज भी इंदौर में ही भर्ती है।
सिंधी कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय महिला का कुछ वर्ष पूर्व इंदौर में किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ था। तब से उनका इलाज चल रहा था। अप्रैल में वे निजी अस्पताल में भर्ती हुईं थी, जहां से उन्हें किडनी की परेशानी के चलते इंदौर ले जाया गया था। यहां 29 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई थी। इसके बाद ब्लैक फंगस के लक्षण भी उभरने लगे थे। 12 मई को उनकी दूसरी रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई और ब्लैक फंगस के चलते मल्टीपल आर्गन डिसिज का शिकार हो गई। जिसके बाद परिजन उन्हें इंदौर से रेफर कराकर खंडवा कोविड अस्पताल ले आए थे। यहां शुक्रवार रात को उनकी मौत हो गई।
कोविड और स्टेरायड से हो रहा ब्लैक फंगस
मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनंत पंवार ने बताया कि ब्लैक फंगस इम्युनिटी कम होने, शुगर की बीमारी होने से शरीर को जल्दी शिकार बनाता है। पहले ये बीमारी बहुत कम लोगों में देखने को मिलती थी, अब कोविड के चलते ज्यादा लोग इसका शिकार हो रहे है। कोविड में मरीज की इम्युनिटी कम हो जाती है। इलाज के दौरान स्टेरायड इंजेक्शन का इस्तेमाल भी करना पड़ता है।