अंगूठी और माला पहनाकर थामा जीवनसाथी का हाथ
खंडवा की रहने वाली नेहा ने मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने बड़े ही सादगी पूर्ण कार्यक्रम में अपना जीवनसाथी चुना। नेहा एमकॉम की पढ़ाई कर चुकी हैं और उनकी शादी जलगांव के रहने वाले कैलाश मातानी के साथ तय हुई थी। नेहा की मां आशा हिंदुवानी की इच्छा थी कि बेटी को बड़ी ही धूमधाम से विदा करें लेकिन कोरोना काल के कारण वो अपनी ये इच्छा पूरी नहीं कर पाईं। अब जब नेहा और कैलाश की शादी नजदीक आई तो नेहा ने एक ऐसा फैसला लिया जो वाकई काबिले तारीफ है। नेहा ने बताया कि उसने कैलाश से बिना फिजूलखर्ची के सादगी से शादी करने के बारे में कहा। कैलाश ने उसकी बात मानी और फिर दोनों परिवारों ने सादगीपूर्ण तरीके से शादी की रजामंदी दे दी। इसके बाद दोनों मंगलवार को कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित हुए और एक दूसरे को माला व अंगूठी पहनाकर सात जन्मों के बंधन में बंध गए। नेहा ने दूसरे लोगों से भी शादी पर होने वाली फिजूलखर्ची रोकने की अपील की है।
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‘शादी को मनोरंजन नहीं, बड़ी जिम्मेदारी’
नेहा ने बताया कि कोरोना काल में उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि शादी में लाखों रुपए की फिजूलखर्ची होती है इस पैसे का उपयोग जिंदगी को संवारने में किया जा सकता है। उन्होंने फैसला लिया है कि शादी में खर्च होने वाले पैसों से वो पीएचडी की पढ़ाई करेंगी। वहीं इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि शादी कोई मनोरंजन नहीं है बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे समझदारी के फैसलों के साथ निभाना चाहिए। नेहा की शादी में न तो बैंड था..न बाजे थे और न ही बारात लेकिन फिर भी उसकी शादी यादगार लम्हा बन गई।
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