किसान फसलों को बचाने करें ये उपाय
वायु में नमी की अत्याधिक कमी होने और कड़ाके की सर्दी पडऩे के कारण चना, मटर, मसूर, मिर्च, सरसों, मक्का आदि की फसल पाले से प्रभावित हो सकती है। जिससे पत्तियां व फूल मुरझाकर सूखने की आशंका रहती है। उपसंचालक कृषि आरएस गुप्ता ने बताया किसान पाले से बचाव के लिए खेतों में धुआं करें। फसलों में हल्की सिंचाई करना और गंधक के घोल का स्प्रे करने जैसे उपाय करें। उन्होंने बताया धुआं करने से खेतों का तापमान बढ़ जाता है। इससे पाले का प्रभाव फसल पर नहीं होता है। इसी तरह हल्की सिंचाई से भी खेत के पानी का तापमान कुछ बढ़ जाता है। जिससे पाला फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। इसके अलावा 1000 लीटर पानी में 1 लीटर गंधक का रसायन मिलाकर फसलों पर स्प्रे करने से भी फसल को पाले से राहत मिलती है।
हवा की गति धीमी होने से पारे में हल्की बढ़त
इधर, घाटी में बर्फबारी के बाद चल रही बर्फीली हवा की रफ्तार गुरुवार को धीमी पड़ी। सर्द हवा का असर कम होते ही शहर के अधिकतम और न्यूनतम पारे में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गुरुवार को सुबह से आसमान साफ रहा। वहीं पिछले दिनों की अपेक्षा दिन में ठंड का असर कम महसूस हुआ। वहीं शाम ढलते ही ठिठुरन बढ़ी। रात के समय कंपकंपा देने वाली ठंड जारी है। दिन जो लोग बिना गर्म कपड़ों के घूम रहे थे, रात होते ही पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढंके नजर आए। गुरुवार को अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री और न्यूनतम पारा 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम जानकारों की मानें तो आगामी दो दिनों तक ठंड का असर रहेगा। उसके बाद पारे में उछाल दर्ज किया जाएगा।