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मप्र के इस शहर में तैयार हो रहे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर, विदेशों में भी जमा रहे अपना धाक

locationखंडवाPublished: Dec 08, 2017 08:02:15 pm

मप्र के इस शहर में तैयार हो रहे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर, विदेशों में भी जमा रहे अपना धाक…

Football passion in madhya pradesh Burhanpur

Football passion in madhya pradesh Burhanpur

बुरहानपुर. क्रिकेट खेल के घुमार के बीच बुरहानपुर में फुटबॉल खेल ऐसा चमका की यहां के खिलाड़ी देश-विदेश तक नाम रोशन कर गए। एक खिलाड़ी स्पेन खेलकर आया तो दूसरा इंडिया टीम में खेलने के लिए मुंबई में तैयार हो रहा है। फुटबॉल का यह जुनून शहर के युवक-युवतियों में लालबाग के फुटबॉल कोच सुरेंद्र शर्मा ने जगाया है।
महज २१ साल के सुरेंद्र शर्मा ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की परीक्षा देकर कोच बने हैं।कईशहरों में खेलने के बाद अब वे बुरहानपुर के युवकों में फुटबॉल का ऐसा हुनर भर रहे हैं कि खिलाड़ी विदेश तक खेलकर आ गए। शर्माने बताया कि उनका लक्ष्य यहां के खिलाडिय़ों को भारतीय फुटबॉल टीम में खिलाने का है।
बुरहानपुर का पीयूष पटेल स्पेन तक खेलकर आया है। पटेल ने बताया वह भारतीय टीम में खेलने का सपना है। तैयारी कर रहा है।
दिल्ली खेलकर आई तीन बालिकाएं
बुरहानपुर में फुटबॉल क्लब्स इंडिया के कोच सुरेंद्र शर्माने बताया कि दिल्ली में सुब्रोतो कप खेला गया, जहां बुरहानपुर की वैष्णवी कुवादे, सिमरन शेख, कामीनी महाजन खेल कर आई है।फाइनल तक तो नहीं पहुंचे, लेकिन यहां खेलने के बाद उनका मनोबल बढ़ा है।
खुद ने पाया मुकाम
फुटबाल खिलाडिय़ों को तैयार कर रहे कोच सुरेंद्र शर्माके २ साल की उम्र में माता-पिता का साया उठ गया। उनकी परवरीश उनकी भुआ मनोरमा शर्माऔर फुपा हीरालाल शर्माने की। दुर्गेश पिता हीरालाल शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र ने खुद के बल पर यह मुकाम पाया है।
ये खिलाड़ी खेल रहा मुंबई
शनवारा निवासी १३ वर्षीय सागर सोनवणे को बुरहानपुर में ट्रेनिंग देने के बाद उसका चयन मुंबई के फुटबॉल स्कूल ऑफ इंडिया के लिए हुआ है। अंडर १३ में सागर खेल रहा है।यहां बेहतर प्रस्तुति देने के बाद उसका चयन आगे के लिए होगा।फिलहाल वह यहीं पर अभ्यास कर रहा है। इसके पिता मुकेश सोनवणे होटल में मैनेजर है।शर्माने बताया कि खिलाड़ी तैयार कर मुंबईमें ट्रॉयल देने के लिए जाते हैं, जहां सोनवणे का चयन हुआ है। जहां देशभर के ४०० बच्चों ने प्रस्तुति दी। जिलेवासियों का मानना है कि यदि बुरहानपुर जिले के खिलाडिय़ों को शासन-प्रशासन स्तर से और अधिक सुविधाएं दी जाएं तो कई युवा अपनी प्रतिभा का लौहा मनवा सकते हैं।
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