बीएमओ अनुज ने बताया कि बड़वाह कस्बे में रहने वाली उम्रदराज महिला रुक्मिणी चौहान जांच में 21 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थीं। हालांकि, उनमें इस महामारी के लक्षण नहीं थे। लिहाजा हमने उन्हें उनके घर पर पृथक-वास में रखकर इलाज का फैसला किया।
ऐसे हुआ इलाज
परिवार के लोगों ने बताया कि उनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। वह अंडाशय के कैंसर से जूझ रही हैं और पिछले 5 साल से रोग शय्या पर हैं। इसलिए उनकी स्थिति पर विशेष रूप से नजर रखी गई। बीएमओ ने बताया कि वृद्धा को कोविड-19 की दवाएं और आयुर्वेदिक काढ़ा देने के साथ उनके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर, तापमान और अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों की नियमित अंतराल में जांच की जाती रही।
परिवार के लोगों ने बताया कि उनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। वह अंडाशय के कैंसर से जूझ रही हैं और पिछले 5 साल से रोग शय्या पर हैं। इसलिए उनकी स्थिति पर विशेष रूप से नजर रखी गई। बीएमओ ने बताया कि वृद्धा को कोविड-19 की दवाएं और आयुर्वेदिक काढ़ा देने के साथ उनके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर, तापमान और अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों की नियमित अंतराल में जांच की जाती रही।
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि तय प्रोटोकॉल के तहत सेहत की जांच के बाद हमने रुक्मिणी को सोमवार को कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त घोषित कर दिया। फिलहाल उन्हें इस महामारी से जुड़ी कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है। इससे पहले इंदौर की 95 साल की महिला भी मई में कोविड-19 को मात दे चुकी हैं।