45 करोड़ खरीदी पर खर्च हुए थे सूत्रों की मानें तो ऊन में रखा गेहूं धार और अन्य जिलों से परिवहन लाया गया था, जो 2020 से खुले में रखा हुआ है, जो लगभग 23 हजार मीट्रिक टन हैं। जिसकी खरीदी के बदले सरकार ने 45 करोड़ रुपए खर्च किए थे। लेकिन अब इस अनाज को सडऩे के लिए छोड़ दिया है। बता दे पत्रिका द्वारा कई खबरों के माध्यम से खराब हो रहे गेंहू के बारे में शासन-प्रशासन को बताया गया था लेकिन अभी जिम्मेदारों उनके कानों पर जूं नही रेंगी।
अनाज में लगे कीड़े, बस्ती में लोगों के घर पहुंच रहे
अनाज में लगे कीड़े, बस्ती में लोगों के घर पहुंच रहे
पिछले साल भोपाल से आए विभागीय दल ओपन कैंप में स्टोर कर रखे अनाज का निरीक्षण किया था। जिसमें घून और कीड़े लगने की बात सामने आई थीं। जिस पर कीटनाशक का छिड़काव भी किया गया था। लेकिन कीड़ों की समस्या खत्म नहीं हुई। यह अब सुबह और शाम को बस्ती में लोगों के घरों में घुस रहे। रहवासी मोहन वर्मा, लल्लू नहाल, जितेंद्र वर्मा, अखिलेश वर्मा ने बताया गेंहू में सड़क के कारण बदबू आती है। साथ ही कीड़ों की समस्या से परेशान है। रोजाना खाना खाते और सोते समय कीड़े आने से दिक्कतें होती है। मेन रोड होने से दुपहिया वाहन निकलते समय भी आंखों में कीड़े घुसते है।
बिचौलियों को लाभ
बिचौलियों को लाभ
सरकार खरीदी कर गेहूं को सालों तक स्टॉक कर पटक रखती है। ऊन में भी यही हो रहा है। अनाज सडऩे से करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है। जिससे जरूरतमंद गरीबों का पेट भी भर जाए। बिचौलियों लाभ देने के लिए सरकार गेहूं को औने-पौने दामों पर बेचना चाहती है।
रवि जोशी, विधायक खरगोन हम प्रयास कर रहे ओपन कैंप में रखे अनाज के उठाव के लिए लगातार विभागीय पत्राचार किया जा रहा है। प्रयास हो रहे हैं। शासन को भी चिंता है। जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा।
श्वेतासिंह, जिला विपणन अधिकारी खरगोन