बच्चों की तरह की देखभाल
प्रकृति के प्रति विक्रम और उसके परिवार का समर्पण देखते बनता है। उन्होंने पौधों की देखभाल बच्चों की तरह की। आज भले ही वह मजदूर के तौर पर खेत पर काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बात की तसल्ली है कि उनकी मेहनत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। विक्रम के परिवार में पत्नी, चार लड़के और एक बहू है। सभी खेत पर काम करने के साथ पेड़ों की देखभाल में जुटे हैं। विक्रम ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, लेकिन वह पेड़-पौधों के साथ हरियाली के महत्व को अच्छे से समझते हैं।
प्रकृति के प्रति विक्रम और उसके परिवार का समर्पण देखते बनता है। उन्होंने पौधों की देखभाल बच्चों की तरह की। आज भले ही वह मजदूर के तौर पर खेत पर काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बात की तसल्ली है कि उनकी मेहनत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। विक्रम के परिवार में पत्नी, चार लड़के और एक बहू है। सभी खेत पर काम करने के साथ पेड़ों की देखभाल में जुटे हैं। विक्रम ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, लेकिन वह पेड़-पौधों के साथ हरियाली के महत्व को अच्छे से समझते हैं।
व्यवसायिक सोच, हरियाली में बदली
खेत में पौधे लगाने के पीछे सोच व्यवसायिक थी। लेकिन अब झा परिवार ने इसे पूरी तरह हरियाली को समर्पित कर दिया है। जिसे देखने के लिए सालभर दूर-दूर से लोग आते हैं। खेत पर सागवान, आम, सुरजना, नीम, अमरुद, अनार, पपीता, मौसंबी किस्म के पौधे ज्यादा लगे हैं। अकबरपुरा नर्मदा किनारे बसा एक गांव है।
खेत में पौधे लगाने के पीछे सोच व्यवसायिक थी। लेकिन अब झा परिवार ने इसे पूरी तरह हरियाली को समर्पित कर दिया है। जिसे देखने के लिए सालभर दूर-दूर से लोग आते हैं। खेत पर सागवान, आम, सुरजना, नीम, अमरुद, अनार, पपीता, मौसंबी किस्म के पौधे ज्यादा लगे हैं। अकबरपुरा नर्मदा किनारे बसा एक गांव है।
सामूहिक प्रयासों से विरान पहाड़ी को हरा-भरा बनाया
खरगोन जनपद के ग्राम लोनारा भी सामूहिक प्रयासों से प्रकृति को संवारने के प्रयास किए गए हैं। गांव में सेवार्थ परमार्थ संगठन द्वारा मुक्तिधाम स्थित विरान पहाड़ी को सामूहिक प्रयासां से हरा-भरा बनाया है। संगठन से जुड़े राजाराम मंडलोई बताते है कि 2 जुलाई 2017 को मुक्तिधाम पर 200 से ज्यादा पौधे रोपे गए थे। इनमें नीम, पीपल जैसे छायादार पौधे थे, जो बड़े होने के साथ पेड़ों का रूप ले चुके हैं। पौधे लगाने सहित इनकी सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग, सिंचाई के लिए पानी और ड्रिप लाइन बिछाने के लिए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर लगभग दो से ढाई लाख रुपए खर्च किए। ग्रामीणों ने इस मेहनत से हरियाली केे सपने को साकार करने की मिसाल पेश की है।
खरगोन जनपद के ग्राम लोनारा भी सामूहिक प्रयासों से प्रकृति को संवारने के प्रयास किए गए हैं। गांव में सेवार्थ परमार्थ संगठन द्वारा मुक्तिधाम स्थित विरान पहाड़ी को सामूहिक प्रयासां से हरा-भरा बनाया है। संगठन से जुड़े राजाराम मंडलोई बताते है कि 2 जुलाई 2017 को मुक्तिधाम पर 200 से ज्यादा पौधे रोपे गए थे। इनमें नीम, पीपल जैसे छायादार पौधे थे, जो बड़े होने के साथ पेड़ों का रूप ले चुके हैं। पौधे लगाने सहित इनकी सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग, सिंचाई के लिए पानी और ड्रिप लाइन बिछाने के लिए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर लगभग दो से ढाई लाख रुपए खर्च किए। ग्रामीणों ने इस मेहनत से हरियाली केे सपने को साकार करने की मिसाल पेश की है।