राज्य शासन के कैबिनेट मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के गृहनगर में यह हालात उत्पन्न हो गए है। जबकि नगर परिषद के आवास वितरण समारोह में कर्मचारियों ने मंत्री को वेतन ना मिलने का ज्ञापन भी दिया था, लेकिन एक माह होने के बावजूद वेतन भुगतान संबंधित मांग पूरी नहीं हुई।
63 परिवारों पर आर्थिक बोझ
शहर में बड़ी-बड़ी योजनाएं तो बहुत बन रही है, किंतु गलियों व सडकों पर विकास नजर नहीं आ रहा। पिछले दो सालों से बड़े आयोजन पर तो लाखों खर्च हो गए। परंतु नगर की साफ -सफाई रखने वाले 63 परिवार पाई-पाई को मोहताज हो रहे है। कैबिनेट मंत्री साधौ के संज्ञान में होने के बावजूद उनकी खामोशी से कई प्रश्न खड़े हो रहे हैं। सफाईकर्मियों को मंत्री से अपेक्षा थी कि वे मानवता के नाते इन परिवारों के हित में कोई कदम उठाएंगे, लेकिन कर्मचारियों की सुध नहीं ली गई।
राजनीतिक खींचतान में जनता की फजीहत
राजनीतिक खींचतान के कारण जनता की फजीहत हो रही है। उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ परिषद पर कब्जा किया था। जब राज्य में भाजपा का शासन था, किंतु राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही नगर की परिषद की परेशानियों के दिन शुरु हो गए। परिषद अध्यक्ष मनीषा मनोज शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार से बजट में कटौती कर दी। राशि नहीं मिलने से कर्मचारियों को भुगतान नहीं हो पाया। जबकि आसपास की अन्य निकायों में दैनिक वेतनभोगियों के लिए राशि नियमित मिल रही है। लेकिन मंडलेश्वर परिषद के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
…तो चरमा जाएगी सफाई व्यवस्था
सफाई कामगारों की हड़ताल यदि लंबी चलती है, तो इससे शहर की सफाई व्यवस्था चरमा जाएगी। सोमवार को ही बाजार और सड़कों में साफ-सफाई नहीं हुई। प्रभारी सीएमओ ने संजय कलोसिया ने कहा सफाईकर्मियों की मांगों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियोंं को अवगत कराया है। नगर पंचायत की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है। यदि शासन की ओर से क्षतिपूर्ति का चेक मिल जाए, तो वेतन संबंधी समस्या हल हो सकता है। वित्तीय अधिकार ना होने से में कुछ नहीं कर सकता। नगर की सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आसपास के निकायों से पांच-पांच कर्मियों की मांग की। यदि वे भेजते है तो ही सफाई सुचारु हो सकेगी।
डेढ़ साल में चार सीएमओ बदले
मौजूदा परिस्थितियों में नगर पंचायत अध्यक्षा अपने ही दल के कुछ लोगों के विद्रोह के कारण असहजता की स्थिति में है। परिषद में पिछले डेढ़ साल में चार सीएमओ बदले जा चुके है। इधर, सफाईकर्मियों के हड़ताल की सूचना मिलने पर अध्यक्ष, प्रभारी सीएमओ व उपाध्यक्ष चर्चा के लिए पहुंचे। इनके द्वारा समझाइश देकर पुन: काम पर लौटने की बात कही, लेकिन कर्मचारी इससे असंतुष्ट नजर आए और धरना जारी रखा।