पुलिस ने बताया कि खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर जुलूस में उपद्रव भड़का तो SP चौधरी भी मौके पर पहुंच गए थे। तब इरफान ने SP के सामने आकर तलवार लहराकर आतंक फैलाने की कोशिश की और बाद में फरार हो गया. तलवार लहरा कर भाग रहे इरफान का जब एसपी चौधरी पीछा करने भागे थे, इस दौरान मोहसिन उर्फ वसीम ने पिस्टल से गोली मारकर एसपी को घायल कर दिया था। रामनवमी के जुलूस पर हुए पथराव और उपद्रव के बाद खरगोन दंगे की आग में झुलस गया था। पुलिस तभी से उसे पकड़ का प्रयास कर रही है लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही थी। एक—दो बार उसे घेरा भी गया लेकिन वह चकमा देकर भाग गया था. अंतत: घटना के 30 दिन बाद इरफान को पकड़ने में पुलिस सफल हुई. कोतवाली पुलिस ने इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इससे पहले मंगलवार को सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतरकर पुलिस के विरोध में प्रदर्शन भी किया था। ये महिलाएं सोमवार रात को पुलिस द्वारा आरोपियों की सर्चिंग के लिए घर—घर जाने का विरोध कर रहीं थीं। महिलाओं ने पुलिस के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और रैली के रूप में एसपी कार्यालय पहुंची थी।
इधर जिला मुख्यालय पर हुई हिंसा और उपद्रव के मामले में पुलिस अब तक करीब 6 दर्जन प्रकरण दर्ज कर चुकी है. इन प्रकरणों में करीब 190 आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है. इरफान की गिरफ्तारी के तीन दिन पूर्व ही पुलिस ने खरगोन दंगों के मास्टर माइंड इकबाल, अफजल और कैफ को भी गिरफ्तार कर लिया है। दंगों में इन चारों की सबसे अहम भूमिका रही है। दंगे भड़काने के मामले में पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें से अधिकांश का क्रिमिनल रिकार्ड भी है।