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कमजोर बूथों पर मजबूती के लिए भाजपा-कांग्रेस की रणनीति तैयार

locationखरगोनPublished: Sep 03, 2018 01:30:00 am

दोनों ही दलों के सामने गुटबाजी से निपटना होगा बड़ी चुनौती

Assembly elections-2018 in burhanpur

Assembly elections-2018 in burhanpur

खरगोन. प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति जोड़-तोड़ शुरु हो चुका है।पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रहेगी। 2013 के चुनाव में जिले में भाजपा और कांग्रेस को तीन-तीन सीटें मिली थी और मुकाबला बराबरी का रहा। भाजपा ने खरगोन, महेश्वर और बड़वाह सीटों पर जीत दर्ज की थी, तो वहीं कसरावद, भीकनगांव और भगवानपुरा में कांग्रेस को जीत मिली। वहीं इस बार भाजपा के किले को भेदने के लिए कांग्रेस के दिग्गज फिर से मैदान में उतरेंगे।
खासकर खरगोन, महेश्वर और बड़वाह के चुनाव बड़े रोचक होने की उम्मीद है। यहां कांग्रेस पुराने चेहरों के साथ भाजपा के किले में सेंध लगाने का प्रयास करेगी। जबकि भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता भीकनगांव, भगवानपुरा और कसरावद में लगातार बैठकें कर जनता के बीच पैठ जमाने का प्रयास कर रहे हैं। जिले में भी राजनीतिक दल संगठन को बूथ स्तर पर मजबूती देने में जुट गए हैं। सत्ताधारी दल भाजपा सहित कांग्रेस का ध्यान कमजोर बूथों पर है, जहां पिछले चुनाव में पार्टी को कम वोट मिले थे या हार हुई थी। दोनों ही दल अपने जनधार को हासिल करने के लिए प्रत्येक गांव और बूथों पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों दलों के सामने गुटबाजी भी एक चुनौती है।
योजनाएं गिनाएंगे
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार का कहना है कि पार्टी ने विधानसभावार बूथों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में रखा है। इसमें प्रत्येक बूथ के लिए 20 से 25 सदस्यों की संचालन समिति बनाई है। इसमें सी और डी श्रेणी के बूथों पर विशेष कैंपेन चलाया जा रहा है।साथ ही युवा मोर्चा के ११ सदस्यी टीम व अलग-अलग मोर्चा के पदाधिकारी को दायित्व दिए गए हैं कि वे लोगों से संपर्क कर सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे।
डोर-टू-डोर सर्वे
इधर, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता रवि नाइक का कहना है कि पार्टी ने ऐसे बूथों का चयन किया है, जहां पिछले चुनाव में कम वोट मिलें थे। 15 बूथों का एक झोन बनाकर यहां 20 कार्यकर्ताओं की टीम गठित की है। पिछले चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस को लीड मिली थी।
ये रहेंगे चुनाव मुद्दे
नर्मदा जल: शहर में नर्मदा का पानी लाने के लिए सालों से वादे किए जा रहे हैं। भाजपा ने पिछले दो चुनाव में नर्मदा जल लाने का वादा कर लोगों से वोट लिए। लेकिन यह घोषणा पूरी नहीं हो सकी।
बायपास: वाहनों की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक दबाव से शहर की सड़कों का दम निकल रहा है।इसलिए शहर से अलग बायपास और रिंगरोड बनाने का मुद्दा इस चुनाव में भी रहेगा।

युवा रोजगार: शिक्षित युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। नए उद्योग-धंधे खोले जाना चाहिए। इस ओर पिछले १० वर्षों में कोई काम नहीं हुआ।
कृषि व मेडिकल कॉलेज:उच्च शिक्षा के नाम पर जिले में पीजी कॉलेज है। कृषि और मेडिकल कॉलेज नहीं होने से प्रतिभाओं को अन्य शहरों की दौड़ लगना पड़ रही।
फसलों का उचित दाम: कपास और मिर्च की पैदावार के लिए विख्यात खरगोन जिले में फसलों के लगातार गिरते दामों से किसान आहत है। आर्थिक उन्नति के लिए किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य देने की मांग की जा रही है।
भाजपा का पूरा फोकस बूथ मैनेजमेंट पर है। प्रत्येक बूथ पर जीत हासिल करने के लिए ५० प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा गया है, ताकि जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की जा सके।
परसराम चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष
चुनाव को लेकर कांग्रेस की पूरी तैयारी हो चुकी है। बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूती देने के लिए कमेटियों का गठन किया। इस दौरान गांव-गांव संपर्क कर सरकार की नाकामियों को उजागर करेंगे।
झूमा सोलंकी, जिला अध्यक्ष व भीकनगांव विधायक
खरगोन विधानसभा 2013
खरगोन
बाल कृष्ण पाटीदार। भाजपा
39, 566
42, 519
40, 515
08, 502
17,486
रवि जोशी कोंग्रेस
17, 570
10, 541
28, 561
40, 549
27, 511

कसरावद
आत्माराम पटेल भाजपा
39, 627
36, 609
16, 602
32, 561
09, 555
सचिन यादव कांग्रेस
15, 741
31, 516
34, 514
44, 517
04, 482
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