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चुनावी रण में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी, जो जीता वह सिकंदर

locationखरगोनPublished: Nov 27, 2018 04:09:35 pm

खरगोन में बालकृष्ण पाटीदार व रवि जोशी, कसरावद में सचिन व आत्माराम पटेल के बीच टक्करभूपेंद्र आर्य, राजकुमार मेव और विजयलक्ष्मी साधौ के लिए करो या मरो का मुकाबला

Assembly Elections 2018 Khargone District

प्रचार के आखरी दिन तक प्रत्याशियों ने लगाया जोर


खरगोन.
विधानसभा चुनाव का मुकाबला अब निर्णयक मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। यहां से जो भी प्रत्याशी जीत हासिल करेगा, वही सिकंदर साबित होगा। शह-मात के इस खेल में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इसमें कई बड़े नाम वाले नेताओं के लिए यह करो या मरो का मुकाबला हो गया है। खासकर खरगोन में मंत्री बालकृष्ण पाटीदार व रवि जोशी, कसरावद में युवा विधायक सचिन यादव और आत्माराम पटेल और महेश्वर में भूपेंद्र आर्य, राजकुमार मेव और विजयलक्ष्मी साधौ के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। बहरहाल, चुनाव में अब जब तीन दिन का समय शेष बचा है, वहीं जनता ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य प्रत्याशियों को ऐड़ी-चोंटी का जोर लगाना पड़ रहा है। सोमवार शाम ५ बजे चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा। इसके लिए अंतिम समय में वोटरों को लुभाने के लिए प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सियासी समीकरण क्या कहते हैं, इसे लेकर पत्रिका की खास रिपोर्ट..!
खरगोन विधानसभा
कुल मतदाता-२१९११५
पुरुष-११२८२९
महिला-१०६२८४
भाजपा लगाएगी जीत की हैट्रिक या कांग्रेस का वनवास खत्म होगा
क्या कहता है सीट का गणित:-२००३ से ही खरगोन सीट पर भाजपा का कब्जा है। पिछले दो चुनाव बालकृष्ण पाटीदार जीतते आए हैं। तीसरी बार चुनाव में भाजपा को उनसे जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद है। जबकि कांग्रेस ने २०१३ की तर्ज पर पाटीदार के सामने रवि जोशी को दूसरी बार मैदान में उतरा है। कांग्रेस १५ के वनवास को खत्म कर वापसी की कोशिश में जुटी है। चुनाव के शुरुआती दौर में खरगोन में राहुल गांधी की सभा के बाद से ही कांग्रेसी खेमे में जोश और उत्साह देखा जा रहा है।
कसरावद विधानसभा
कुल मतदाता-२०९८५८
पुरुष-१०७४०२
महिला-१०२४५०
दूसरी बार विधायक बनने की होड़
क्या कहता है सीट का गणित:-कसरावद विधानसभा कांग्रेस का गढ़ मानती जाती है। २००८ में आत्माराम पटेल स्व. सुभाष यादव को हराकर कांग्रेस के किले को भेदने में सफल रहे थे। २०१३ में सचिन यादव ने पटेल को हराया। इस चुनाव भाजपा ने तीसर बार पटेल को मौका दिया है। वहीं उनका सामना एक बार फिर युवा सचिन यादव से है। ऐसे में यहां दूसरी बार विधायक बनने की जंग बेहद रोचक होगी।
महेश्वर विधानसभा
कुल मतदाता-२०८१२५
पुरुष-१०५७३३
महिला-१०२३९१
भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय में फंसा पेंच
क्या कहता है सीट का गणित:-महेश्वर में लंबे समय कांग्रेस का दबदबा रहा है, खासकर साधौ परिवार का। इस बार भाजपा के भूपेंद्र आर्य, कांग्रेस की विजयलक्ष्मी साधौ साथ निर्दलीय राजकुमार मेव के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है। इसलिए इस सीट पर बाजी कौन मारेगा, यह कहना अभी मुश्किल है। भाजपा के बागी होकर मैदान में उतरे राजकुमार मेव को आखिरी समय तक पार्टी मनाने में नाकाम रही। जनता की खामोशी में ही उम्मीदवारों के किस्मत का राज छुपा है। तीन की लड़ाई में जीत किसी एक मिलना तय है, किंतु यहां से जो भी हारता है, उसे राजनीति प्रतिष्ठा खोने के साथ नुकसान उठाने का डर रहेगा।
बड़वाह विधानसभा
कुल मतदाता-२०८८६७
पुरुष-१०७६४५
महिला-१०१२२१
चुनाव दाव-पेंच में मुद्दे गायब
क्या कहता है सीट का गणित:-औद्योगिक क्षेत्र की दृष्टि से बड़वाह विधानसभा अलग महत्व रखती है। इस सीट पर २००३ से २०१३ तक भाजपा प्रत्याशी हितेंद्रसिंह सोलंकी चुनाव जीतते आ रहे हैं। पार्टी ने उन्हें चौथी बार मौका दिया है। यहां भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने युवा चेहरे के रूप में सचिन बिरला को मैदान में उतारा है। बिरला पिछला चुनाव निर्दलीय लड़कर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार दोनों के बीच मुकाबला कांटे का है। हालांकि चुनावी दांव-पेंच के बीच स्थानीय मुद्दें पूरी तरह गायब है।
भीकनगांव विधानसभा
कुल मतदाता-२१३५९१
पुरुष-१०९०८३
महिला-१०४५०७
वर्चस्व की लड़ाई
क्या कहता है सीट का गणित:-भीकनगांव विधानसभा की राजनीति भीकनगांव और झिरन्या ब्लॉक में बटी है। यहां २००३ और २००८ में भाजपा के धूलसिंह डावर विधायक चुने गए थे। २०१३ में पार्टी ने डावर का टिकट काटकर नंद्रा ब्राह्मणे को उम्मीदवार बनाया था, जो कांग्रेस की झूमा सोलंकी के सामने हार गई थी। इस बार कांग्रेस से एक बार फिर झूमा सोलंकी चुनाव लड़ रही है, तो भाजपा ने पुराने चेहरे के रूप में धूलसिंह डावर को दोहराया है। दोनोंं में से कोई चुनाव नहीं हारा। इसलिए यह चुनाव भाजपा-कांग्रेस के बीच वर्चस्व की लड़ाई साबित होगा।
भगवानपुरा विधानसभा
कुल मतदाता-२१३५९१
पुरुष-१०९०८३
महिला-१०४५०७
चुनाव नहीं, सम्मान की लड़ाई
क्या कहता है सीट का गणित:-आदिवासी क्षेत्र भगवानपुरा विधानसभा में सबसे ज्यादा २ लाख २१ हजार ७०३ मतदाता है। भाजपा के जमनासिंह सोलंकी, कांग्रेस विजयसिंह सोलंकी और निर्दलीय प्रत्याशी केदार डावर के बीच चुनाव मुकाबला है। राजनीति दृष्टि ये यह चुनाव भले ही पार्टियों के बीच हो रहे हैं, लेकिन तीनों ही प्रत्याशी अपने-अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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