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मप्र का यह जिला अब तक पड़ोसी जिलों को देता आया है ब्लड, पहली बार खुद ने इंदौर से लिया उधार

locationखरगोनPublished: May 22, 2022 09:37:14 am

Submitted by:

Gopal Joshi

-जिला अस्पताल में ब्लड बैंक में 22 साल में पहली बार ब्लड बैंक खाली, 1000 यूनिट की क्षमता वाली बैंक में 35 यूनिट ब्लड, रोजाना की खपत औसत 8 से 10 यूनिट की

Blood bank empty for the first time in 22 years in district hospital

ब्लड की कमी के चलते मजबूरी में मरीजों को करना पड़ रहा रेफर, सिकलसेल के मरीजों को तीन दिन बाद मिल रही राहत

खरगोन.
मप्र का खरगोन जिला। यहां वर्ष 2000 से एक हजार यूनिट की भंडारण क्षमता वाली ब्लड बैंक संचालित हो रही है। अब तक का इतिहास रहा है कि पड़ोसी जिले बड़वानी, खंडवा और धार तक जरूरत पडऩे पर यहां से ब्लड दिया गया है लेकिन बीस साल में पहली बार ऐसी किल्लत बड़ी है कि खरगोन ब्लडबैंक को इंदौर एमवाय से 50 यूनिट ब्लड उधार लेना पड़ा है। ब्लड की कमी के चलते मरीजों की फजीयत हो रही है। उन्हें रेफर होकर इलाज कराना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी सिकलसेल से ग्रसित मरीजों व प्रसूताओं की हो रही है।
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. रत्नेश महाजन ने बताया 400 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में रोजाना 8 से 10 यूनिट रक्त की खपत होती है। ज्यादातर सिकलेसल, गर्भवति महिलाओं, कैंसर मरीजों को इसकी जरूरत ज्यादा है। फिलहाल कमी के चलते इन मरीजों को या तो रेफर कर रहे हैं या परिजन अपने स्तर पर एक्सचेंज कर रहे हैं।
उधारी के 50 यूनिट में 15 खर्च
तीन दिन पूर्व ही एमवाय से 50 यूनिट ब्लड बुलवाया था। इसमें से 15 यूनिट खर्च भी हो चुका है। अभी वर्तमान में ब्लड बैंक में 35 यूनिट रक्त बचा है। इमरजेंसी वा ले मरीजों की पूर्ति इससे की जा रही है। डॉ. महाजन ने बताया एक सप्ताह में फिर एमवाय से ब्लड लेना होगा। उल्लेखनीय है कि यह पहला अवसर है जब जिला अस्पताल ने कहीं ओर से ब्लड अरेंज किया है। इसके पहले खरगोन की ब्लड बैंक से ही धार, बड़वानी, खंडवा तक ब्लड की मदद की गई है।
रक्त का टोटा, ऊपर से गर्मी बनी रोड़ा
ब्लड की कमी के बीच रक्तदान करने के लिए लोग भी आगे नहीं आ रहे। अभी तापमान 44 डिग्री के आसपास है। ऐसे में शिविर भी नहीं लगाए जा रहे। अब विभाग 25 व 26 मई को स्वास्थ्य मेला आयोजित कर रहा है। सामान्य तौर पर यहां मरीजों का चेकअप होगा लेकिन इसमें भी रक्तदान शिविर लगाएंगे ताकि कुछ दानदाता आगे आ सके।
ब्लड की कमी से मरीजों की फजीयत
केस-1
इंदौर जाकर कराया इलाज
सिकलसेल की समस्या से जुझ रहे झिरन्या क्षेत्र के मोहित ने बताया कि उन्हें माह में दो बार ब्लड की जरूरत पड़ती है। तीन सप्ताह से परेशानी आ रही है। मजबूरी में इंदौर जाकर इलाज कराया है।
केस-2
प्रसूता के लिए जुझते रहे परिजन
सनावद क्षेत्र की संगीता को परिजन प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टरों ने खून की कमी बताई। ग्रुप नहीं मिलने से परिजन भी ब्लड डोनेट नहीं कर पाए। मजबूरी में महिलाओं को इंदौर रेफर किया।
सिकलसेल के 40 मरीज ऐसे जिन्हें प्रतिमाह ब्लड की जरूरत
ब्लड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सिकलसेल से ग्रसित मरीजों को ब्लड की जरूरत ज्यादा लगती है। रजिस्टर्ड सूची के अनुसार करीब 40 मरीज ऐसे हैं जिन्हें माह में दो बार ब्लड दिया जाता है। फिलहाल कमी के चलते इन मरीजों को भी जुझना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर जारी की अपील, करें रक्तदान
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने ब्लड की कमी के चलते सोशल मीडिया के प्लेट फार्म फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर रक्तदान करने की अपील की गई है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. महाजन ने बताया यदि कोई ग्रुप में ब्लड डोनेट करना चाहते हैं तो हमारी टीम उन तक पहुंचेगी। इसके लिए वें जिला अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं।
फैक्ट फाइल
2000 में शुरू हुई ब्लड बैंक
1000 यूनिट ब्लड भंडारण की क्षमता
10 यूनिट प्रतिदिन औसत खपत
40 मरीज सिकलसेल के जिन्हें माह में दो बार ब्लड की जरूरत
50 यूनिट ब्लड एमवाय से लिया उधार
करेंगे व्यवस्था
-पहली बार ब्लड की इतनी कमी देखी गई है। 1000 यूनिट की क्षमता वाली बैंक में नाम मात्र का ब्लड है। अभी इंदौर एमवाय से 50 यूनिट ब्लड लिया है। अगले सप्ताह फिर देंगे। -डॉ. रत्नेश महाजन, प्रभारी, ब्लड बैंक, जिला अस्पताल खरगोन
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