खरगोन

परिवार में बुजुर्गो का सम्मान करें, मिलेगी ढेरों दुआएं

बोहरा समाज के धर्मगुरु ने फरमाया, मुंबई से वाज़ का सीधा प्रसारण, 53 वें धर्मगुरू ने छठें उर्स के मौके पर समाजजनों को किया संबोधित
 

खरगोनNov 13, 2019 / 07:20 pm

Jay Sharma

53rd religious leader Sayeedana Mufaddal Saifu Dedin

खरगोन. हमें हमारें बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए। उनकी की इच्छाओं का आदर करना चाहिए। जिस तरह हम अपनें परिवार के साथ बाहर जाते है, उन्हें भी ले साथ जाए। बुजुर्ग जानकर घर में कैद नहीं रखना चाहिए। सैर पर ले जावें, ताकी वे अपना दु:ख-दर्द भूलकर कुछ पलों के लिए तरोंताजा हो सके। इसके बदले आपका ढेर सारी दुआएं मिलेगी। यह बात 53 वें धर्मगुरु आलीकदर सयैदना मुफद्दल सैफु द्दीन साहब ने 52 वें धर्मगुरु डॉ. सयैदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब के छठे उर्स के मौके पर बुधवार को मुंबई की सैफी मस्जिद में कही। जिसका सीधा प्रसारण पूरे भारत सहित खरगोन में की सैफी मस्जिद में भी हुआ। जिसे देखने व सुनने के लिए आमिल साहब, मोहसिन भाई साहब हसनी की सदारत में सैकड़ो समाजजन एकत्र हुए। सीधा प्रसारण सुबह 10 बजे से दोपहर 1. 30 बजे तक चला।
मौला को याद कर हुए भावुक
आलीकदर मौला ने जन्नतनशी मौला को उर्स के मौके पर शिद्दत से याद किया। समाज व मानवता के लिए मसीहा बने। देश व समाज के लिए किए गए कार्य अविस्मरणीय है। हम दाऊदी बोहरा कौम है, हमारी पहचान इमाम हुसैन के लिए मातम और आंसू से जुड़ी है। हमारा कोई भी कार्य ऐसा न हो जिससे हमारी कौम पर आंच आए। आप जो भी कमाए उसका एक हिस्सा स्वयं के लिए व दूसरे हिस्से का दान करें। दिन के तीन हिस्से कर उसे कर्म,धर्म और स्वयं व परिवार के लिए उपयोग कर जिंदगी शांति से गुजारे। अंत में पंजतन व इमाम हुसैन की शहादत का बयान हुआ जिसे सुनकर उपस्थित जन समुदाय ने मातम किया।

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