भावना ने मंगलवार को जहर खाकर जान देने की कोशिश की। उसने स्कूल जाते समय चूहा मार दवा खा ली। घटना का पता चलने पर प्राचार्य ज्ञानप्रकाश शर्मा व शिक्षक राम प्रसाद अधानिया बालिका को लेकर बलवाड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। जहां उपचार किया। हालांकि इलाज के बाद उसकी हालत ठीक है।
बहन अपने दिल से भाई के चेहरे को भूला नहीं पाई
भावना ने बताया कि वह रोज अपने भाई मोहित के साथ स्कूल आती थी। मोहित कक्षा छठी में पढ़ता था। उसकी मौत होने से परिवार के सभी सदस्यों को गहरा सदमा लगा है। बहन अपने दिल से भाई के चेहरे को भूला नहीं पाई और याद में चूहा मार दवा खा ली। डॉ. अनिल कुमावत ने बालिका का इलाज किया गया। बाद में परिजन उसे घर ले गए।
ये हुई थी घटना
उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी को बलवाड़ा के पुराने अस्पताल के पीछे खेत में जोर का धमाका हुआ था। इसमें घटनास्थर पर खेल रहे मोहित की दर्दनाक मौत हो गई थी। उसके शरीर के चिथड़े उड़ गए थे। हादसे में घायल गुड्डा उर्फ नारायाण पिता मोहन (20) की दूसरे दिन मौत हुई थी।
आठ दिन के बाद घटना के कारणों का पता नहीं
घटना के आठ दिन गुजर जाने के बाद यह पता नहीं चल पाया कि ब्लॉस्ट कैसे हुआ। इतना ही नहीं खेत में विस्फोटक पहुंचा कैसे। पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा घटनास्थल पर निरीक्षण भी किया गया, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। पुलिस की जांच को लेकर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।