हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर २० से २५ वर्ष की आयु के बताए जा रहे हैं। यह सभी कंपनी में रात की शिप्ट (पाली) की ड्यूटी कर घर लौट रहे थे। सुबह ८ बजे कर्मचारियों की ड्यूटी बदलती हैं। कंपनी की बस श्रमिकों को छोडऩे के लिए कसरावद की ओर आ रही थी कि यह हादसा हो गया। बस में ३५ से ४० श्रमिक बैठे हुए थे। दुर्घटना में पंकज पिता टंटू चौधरी (२०) निवासी बलगांव, अमित पिता तुकाराम मकवाने (२२) निवासी झापडी महेश्वर, राहुल पिता सुखलाल चौहान (२२) तितरान्या, रमेश पिता प्रेमलाल यादव (२५) निवासी टीकमगढ़ और बस क्लीनर लखन पिता इंदर मंडलोई निवासी ग्राम पानवा की मौत हो गई।
दुर्घटना के चलते दोनों वाहन पलट गए थे। इसलिए मजदूरों को संभलने का मौका नहीं मिला। हादसे के चलते घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। जिन मजदूरों की मौत हुई, उनके शव भी क्षत-विक्षप्त हो गए थे।
मृतकों और घायलों को ग्रामीणों व पुलिस की मदद से कसरावद, खरगोन और इंदौर भेजा गया। इसमें चार शव कसरावद अस्पताल में पीएम के लिए लाए गए। यहां घटना के चलते फैक्ट्री करीब ५०० से ज्यादा मजदूर और मृतकों के परिजन इकट्ठा हो गए और उचित मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। हादसे की खबर मिलने के बाद इंदौर से फैक्ट्री मालिक भी पहुंचे है। मजदूरों ने बताया कि कंपनी की तीन से चार गाड़ी श्रमिकों को लाने और ले जाने के लिए हैं। ये सभी वाहन कंडम हो चुके हैं। वाहनों में जरुरत से ज्यादा श्रमिकों को बैठाया जाता है। जिसकी शिकायत कई बार कंपनी प्रबंधन से कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।