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जानें आखिर क्यों मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना से एसटी-एससी और पिछड़ा वर्ग के पात्र विद्यार्थी कर रहे किनारा

locationखरगोनPublished: Jul 17, 2018 01:26:14 am

Submitted by:

Rahul Saran

मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ लेने पर नहीं मिली छात्रवृत्ति, इस साल 50 फीसदी पात्रों ने फॉर्म लौटाकर बताया छलावा, जितना शिक्षण शुल्क माफ होता है, उससे अधिक मिलती हैछात्रवृत्ति

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Chief Minister MedhaVi Student Scheme

खरगोन. कॉलेजों में पढऩे वाले युवाओं को लुभाने प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना शुरु की। बीते साल से बोर्डपरीक्षा में 70 प्रतिशत और सीबीएसईमें 8 5 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा शुल्क माफ करने का दावा किया गया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कईबार मंचों से योजना का बयान कर विद्यार्थियों को रिझाने का प्रयास किया, लेकिन कॉलेजों में इसकी हकीकत बिल्कुल जुदां नजर आ रही है।
शहर के पीजी कॉलेज में बीते सत्र में 1९६ विद्यार्थियों ने योजना का लाभ लिया, लेकिन छात्रवृत्ति आवेदन लिंक ओपन होने पर इनके फॉर्म जमा नहीं हो सकें। कॉलेज प्रबंधन भी यह माजरा समझ नहीं पाया। भोपाल में वरिष्ठ अफसरों से संपर्क करने पर इन्हें छात्रवृत्ति के लिए अपात्र बता दिया गया। इसके बाद ४६ विद्यार्थियों ने मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ लेने से इंकार कर शिक्षण शुल्क जमा कराया।इसके बाद इन विद्यार्थियों का छात्रवृत्ति का लाभ मिल सका। विद्यार्थियों ने बताया कि जितना शिक्षण शुल्क माफ किया जा रहा था, इससे अधिक राशि छात्रवृत्ति के रुप में मिलती है। ऐसे में योजना का कोई औचित्य ही नहीं है।
सैकड़ों विद्यार्थी पात्र, फिर भी 53 आवेदन मिले
कॉलेज में स्नातक कक्षा की 1300 सीटों पर प्रवेश के लिए 3 हजार से अधिक आवेदन आएं। पहले चरण में हर स्ट्रीम का कट-ऑफ 70 फीसदी से अधिक रहा। सूत्रों के अनुसार सैकड़ों विद्यार्थीयोजना के लिए पात्र थे, लेकिन विद्यार्थियों ने एडमिशन फीस जमा करना फायदेमंद समझा। इस साल अब तक महज 53 विद्यार्थी ही योजना का लाभ लेने आगे आएं। इसमें अधिकांश पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के अपात्र है।
जानें.. आखिर विद्यार्थी क्यों कर रहे इंकार
स्नातक कक्षा की प्रथम वर्ष के एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को बीए-बीकॉम का वार्षिक शुल्क 1155 से 6 555 रुपए, बीएससी स्ट्रीम में 1275 से 10, 275 रुपए शिक्षण शुल्क जमा कराना पड़ता है। वहीं विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में मासिक औसतन 300 रुपए का लाभ मिलता है। इसके साथ ही प्रवेश और परीक्षा शुल्क भी वापस मिल जाता है। ऐसे में विद्यार्थी छात्रवृत्ति लेना फायदेमंद समझ रहे है।
इन योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा
योजना से इंकार करने वाले मेधावी विद्यार्थियों ने बताया कि महज शिक्षण शुल्क माफी का लाभ लेने पर गांव की बेटी और आवास योजना का लाभ के लिए अपात्र कर दिया है। गांव की बेटी योजना में गांव के सरकारी स्कूल से 12 वीं पढऩे वाली छात्राओं को 5 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, वहीं आवास योजना के तहत एसटी-एससी वर्ग के विद्यार्थियों को किराए के घर में रहने के लिए करीब 15 हजार रुपए सालाना मिलते है।
अब.. पंजीकृत श्रमिक योजना के पात्रों में असमंजस
सरकार ने इस साल असंगठित कर्मकार मंडल के पंजीकृत श्रमिकों की संतानों से कॉलेज की पढ़ाईके लिए महज एक रुपए शिक्षण शुल्क वसूला जा रहा है। इस योजना के पात्र विद्यार्थी भी छात्रवृत्ति को लेकर असमंजस में है। विद्यार्थियों का कहना है कि शिक्षण शुल्क नहीं जमा कराने पर अगर छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया तो यह घाटे का सौदा साबित होगा। कॉलेज के पूछताछ केंद्र पर भी विद्यार्थी यह परेशानी लेकर पहुंच रहे है।
– प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विद्यार्थियों को दोनों योजनाओं के नियम-शर्तो के बारे में अवगत कराया जा रहा है। बीते साल की तुलना में मेधावी विद्यार्थी योजना के आवेदनों में कमी आई है। छात्रवृत्ति का लाभ लेना प्राथमिकता बन रही है।
– डॉ. आरएस देवड़ा, प्राचार्य, पीजी कॉलेज खरगोन।

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