रबी फसलों की सिंचाई के बाद अब बचे पानी से खरगोन, भीकनगांव की बुझेगी प्यास, ग्रीष्मकालीन फसलों को देंगे पानी
खरगोनPublished: Feb 15, 2020 08:25:03 pm
जल उपयोगिता समिति की बैठक में पानी प्रबंधन पर हुआ मंथन
बैठक में सिंचाई व पेयजल व्यवस्था पर मंथन करते अफसर
खरगोन रबी सीजन की फसलों को पर्याप्त पानी देने के बाद अब जलस्रोतों में जो पानी बचा है उससे ग्रीष्मकालीन फसलों की परवरिश की जाएगी। इसी बचे पानी से जिले के दो शहर खरगोन और भीकनगांव की प्यास भी बुझाएंगे। पानी का प्रबंधन कैसे होगा इस पर शुक्रवार को जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। अध्यक्षता कलेक्टर गोपालचंद डाड ने की। बैठक में जल संसाधन विभाग के तालाबों से जायद फसलें और जिले के दो महत्वपूर्ण शहर खरगोन और भीकनगांव में पेयजल के लिए जल आरक्षित करने पर मुहर लगी। इंदिरा सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री परस्ते ने बताया इंदिरा सागर की मुख्य नहर से छेगांव माखन, बिंजलवाड़ा, अंबा-रोडिय़ा, चौंडी-जामन्या, बिस्टान, बलकवाड़ा, उद्वहन सिंचाई परियोजना के पंप हाउसों का कार्य किया जाएगा। इसके बाद मैन कैनाल से कनेक्शन करेंगे। तब तक इन इंदिरा सागर परियोजना से सिंचाई परियोजना का कार्य सिंचाई लाभ से प्रभावित होगा। वहीं औंकारेश्वर परियोजना की मुख्य नहर में भी मरम्मत की जाएगी। इस परियोजना से पानी 15 अप्रैल के बाद बंद होगा। इस कारण जायद फसलों के लिए पानी नहीं छोड़ेंगे। बैठक में जल संसाधन विभाग, इंदिरा सागर परियोजना, अपर वेदा परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना सहित कृषि, उद्यानिकी व नगर पालिका के अधिकारी मौजूद थे।
अपर वेदा से रोजाना छोड़ेंगे 2 क्यूसेक पानी
जल संसाधन विभाग के अपर वेदा बांध से नदी मार्ग द्वारा रोजाना 2 क्यूसेक पानी जायद फसलों के लिए छोड़ेंगे। 40 दिनों तक यह पानी 8 एमसीएम तक उपलब्ध होगा। इसके अलावा भीकनगांव में पेयजल के लिए भी जल आरक्षित किया गया है।
यहां से मिलेगा खरगोन को पानी
खरगोन शहर को जल उपलब्ध कराने के लिए पहले देजला देवाड़ा से लगभग 0.5 एमसीएम पानी उसके बाद खारक डेम में 8 एमसीएम पेयजल आरक्षित किया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ब्राह्मणे ने बताया किसानों को सिंचाई के लिए तीसरा पानी उपलब्ध कराने के बाद 8 एमसीएम पानी बचाया जाएगा। इसके बाद खरगोन शहर के लिए आरक्षित होगा। साथ ही जल निगम ने भी जल संसाधन विभाग से 8 एमसीएम पानी आरक्षित करने के लिए पत्र लिखा है।