घटना के दौरान ग्राम सुरतीपुरा निवासी महेश पिता छगन रोड से गुजर रहा था। धमाके की गूंज से जंगल गूंज उठा। मृतक मोहित खेत में खेल रहा था और कुछ ही दूरी पर उसके पिता सुरेश काम कर रहे थे । तभी अचानक धमाके की आवाज हुई। महेश ने बताया धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि मेरे कान सुन्न हो गए। तभी में खेत की तरफ भागा और सुरेश को आवाज लगाकर बुलाया। तब तक मोहित के शरीर के अंग खेत मे बिखर गए थे । उसका अन्य साथी गुड्डा गंभीर घायल हो गया था। विस्फोट की खबर बलवाड़ा सहित क्षेत्र में आग की तरह फैल गई । कुछ देर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
घटनास्थल से सीआईएसएफ फायरिंग रेंज की दूरी करीब आधा किमी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बालक के हाथ ग्रेनाइड (हथगोला) अथवा कोई अन्य विस्फोट वस्तु आ गई थीं। इससे यह धमाका हुआ। उधर, सीआईएसएफ अधिकारियों की मानें तो फायरिंग रेंज प्रतिबंधित एरिये में बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। फायरिंग के दौरान यहां उपयोग में आने वाली सामग्री की पूरी तरह जांच होती है। ऐसे में ग्रेनाइड या अन्य विस्फोट सामग्री फायरिंग रेंज से बाहर जाना असंभव है।
घटना के सामने आने के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया। सुबह से देर शाम तक एक-एककर गई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया। दोपहर में खरगोन से फॉरंेसिक टीम ने मौका मुआयाना किया। वहीं शाम करीब ५ बजे एसपी सुनील कुमार पांडेय भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि विस्फोट में बालक की मौत हो गई। लेकिन धमाका किस चीज से हुआ, यह अभी जांच का विषय है।
विस्फोट के कारण यह घटना हुई। घटनास्थल से कुछ दूरी पर सीआईएसएफ फायरिंग रेंज है। ग्रामीणों से जानकारी ली है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बालक के हाथ कही से ग्रेनाइड आ गया था, जिसे पत्थर से तोडऩे के प्रयास में विस्फोट हुआ।
सुनील कुमार पांडेय, एसपी खरगोन
फायरिंग रेंज प्रतिबंधित क्षेत्र होता है। यहां बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। ट्रेनिंग के दौरान कोई भी सामग्री बाहर जाने का सवाल नहीं उठता। क्योंकि हमारा पूरा सिस्टम है। उपयोग होने वाले प्रत्येक सामान की जांच होती है।
हेमराज गुप्ता, डीआईजी सीआईएसएफ केंद्र बड़वाह