कड़ाके की ठंड गिरने से अब उसका जनजीवन पर भी विपरीत असर पडऩे लगा हैं। सुबह जल्दी उठकर काम पर जाने वाले लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई। मंगलवार सुबह करीब ९ बजे तक लोग बिस्तरों से बाहर नहीं निकल सके। वहीं दोपहर ३ बजे बाद से ही मौसम में ठंड का असर होने लगा। वहीं शाम ५ बजे आते-आते शहर को कड़ाके की ठंड ने अपने आगोश में ले लिया।
शीतलहर के चलते वैसे तो हर वर्ग परेशान रहा। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कतें किसानों और विद्यार्थियों को उठाना पड़ रही हैं। स्कूलों में कक्षाओं के अंदर बैठने के बजाए मंगलवार को कई शिक्षक और शिक्षिकाएं बाहर खुले में क्लास लगाकर बैठे। बच्चों ने भी धूप में बैठकर पढ़ाई की।
क्षेत्र में ठंड का असर हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा हैं। आंचलिक अनुसंधान केंद्र से मिली जानकारी २०१५-१६ में दिसंबर के दौरान न्यूनतम तापमान ३.२ डिग्री तक गया था। इस साल यह २ डिग्री तक पहुंच गया हैं। कृषि अधिकारी ने भी इस और हैरत जाहिर करते हुए तापमान में आई कमी को फसलों के लिए नुकसानदेह बताया।
जिले में दो डिग्री तापमान की जानकारी से अचंभित हूं। तापमापी यंत्र में भी खराबी हो सकती हैं। बहरहाल यदि तापमान में इस तरह की कमी आई, तो निश्चित तौर चिंताजनक हैं। अभी फसलों की नुकसानी की सूचना नहीं है।
एमएल चौहान, कृषि उप संचालक