रंग की दुकान सजी, म्यूजिक पिचकारी बनी आकर्षक
होली को देखते हुए रंग गुलाल की दुकानें सज चुकी हैं।इस बार कई तरह की पिचकारी बाजार में आई है। इसमें म्यूजिक वाली पिचकारी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अधिकतर बच्चे म्यूजिक पिचकारी खरीदने पहुंच रहे हैं। वहीं मैजिक बलून भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बलून की विशेषता यह है कि इसमें एक नोजल लगी हुई है।जो घर के नल में लगाकर 35 बलून को एक साथ पानी भर फुला देगी। जिसकी कीमत 60 रुपए बताई जा रही है।वहीं 10 प्रकार के अलग-अलग रंग देखे जा रहे हैं। दुकान संचालक सुमित गर्ग ने बताया कि कोरोना काल के कारण पिछले दो साल से हमारे व्यापार पर असर देखा गया था। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि हमारा अच्छा-खासा व्यापार होगा।पिछले दो साल से गुलाल भी की बिक्री भी ज्यादा नहीं हो पाई।इसकी वजह फाग यात्रा नहीं निकली परंतु इस बार फाग यात्रा निकलेगी। इसमें प्रति दुकान से करीब 1 क्विंटल गुलाल बिकने की संभावना है। शहर में 10 से अधिक दुकानें हैं। इस तरह करीब 10 क्विंटल से भी अधिक गुलाल की बिक्री होने का अनुमान है।
फैक्ट फाइल
50 स्थानों पर होलिका दहन
10 प्रकार के रंग बाजार में
10 से अधिक दुकानें शहर में गुलाल की
40 क्विंटल गुलाल बिकने की संभावना
10 के लगभग गेर निकलेगी रंगपंचमी पर फागयात्रा के साथ
50 से अधिक वेरायटी की पिचकारी बाजार में।
इधर मनाया फाग उत्सव
सनावद. होली के पूर्व मनाए जाने वाला फाग उत्सव जिलेभर में महिलाओं द्वारा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को महात्मा गांधी मार्ग स्थित वैष्णव पंचायती श्री राम मंदिर में फाग महोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जानकारी देते हुए मंदिर पुजारी पं रमेशचंद व्यास ने बताया कि फागुन माह के प्रारम्भ होते ही प्रकृति अपना बसंती वर्ण न्यौछावर करने लगती है। मनमोहक टेसू के पुष्प अपनी छवि बिखरने लगते हैं। प्रकृति के रूप परिवर्तन बसंत ऋतु के अवसर पर पंडित नीरज व्यास द्वरा श्री राम दरबार का बसंती के वस्त्रों से मनमोहक शृंगार किया गया। फाग उत्सव पर मंदिर परिसर को मनमोहक फूलों से सजाया गया।
सिद्धेश्वर मानस मंडल ने भजनों की प्रस्तुति दी। उत्सव के मुख्य यजमान मदनमोहन महाजन गोपालदास महाजन, पुरुषोत्तम महाजन को बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पं उमाशंकर कानूनगो, राजेंद्र चोखडा, सुरेश एरन, मनीष बाल्दी, योगेश नीमा प्रकाश बालदी सहित बड़ी संख्या श्रद्धालु मौजूद थे।