उन्होंने पत्र में लिखा कि यदुवंशियों का इतिहास हमेशा प्रेरणादायी रहा है। कई युद्धों में अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए देश की अखंडता के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। 1962 के विश्व प्रसिद्ध रेजागंला युद्ध क्षेत्र में 114 यादव चीन से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। इसके फलस्वरूप मेजर सैतानसिंह को परमवीरचक्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में यादव समाज के वीर योद्धा लांस नायक राजेन्द्रसिंह यादव घुघरियाखेडी ने लड़ते हुए प्राण न्योछावर कर दिए। इसके लिए उन्हें सेना मेडल से नवाजा गया है।
इसलिए गठन की मांग
समय-समय पर यह मांग उठती रही है कि यादव जाति के शौर्य को देखते हुए अहीर यादव रेजिमेंट का गठन होना चाहिए। यादव समाज जिला खरगोन की प्रतिनिधि गोपाल पटेल, राजाराम यादव, कमल यादव, दिनेश यादव, अनिल यादव एवं नरेंद्र यादव मौजुद थे।