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पहली बार ईद पर हुआ ऐसा कि सोचकर ही सब रह गए दंग

locationखरगोनPublished: May 25, 2020 06:52:28 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

कोरोना ने बदली परंपराएंसमाजजनों ने घर में पढ़ी नमाज, गले नहीं मिले दो गज दूर खड़े होकर दी बधाई -मुस्लिम समाज ने मनाई ईद, नहीं हुए ईद मिलन समारोह, ईदगाह पर पांच लोगों को मिली नमाज पढऩे की अनुमति

Corona changed traditions

समाजजनों ने घर में पढ़ी नमाज, गले नहीं मिले दो गज दूर खड़े होकर दी बधाई

खरगोन.
कोरोना वायरस का असर अब आम जनजीवन के साथ ही त्योहारों पर भी पडऩे लगा है। लॉकडाउन के चलते इस बार ईद के मौके पर सैंकड़ों साल से चली आ रही परंपराएं टूट गई। न तो ईद मिलन समारोह हुए न ही सामूहिक नमाज पढ़ी गई। रविवार रात ईद का चांद दिखाई देने के बाद सोमवार को मुस्लिमजनों ने ईद का पर्व उत्साह के साथ मनाया। हालांकि इस बार मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ी गई। ईदगाह पर भी केवल 5 लोगों को प्रशासन ने नमाज अदा करने की अनुमति दी। इसका समाजजनों ने पालन भी किया। इसके अलावा मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने घरों पर ही ईद की नमाज अदा की। सुरक्षा की दृष्टि से सुबह दिन निकलने से पहले ही शहर के तमाम संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात रही। गले मिलकर ईद की मुबारक बाद देने के बजाय समाजजन दो गज दूरी पर खड़े होकर दूर से ही बधाई देते नजर आए।
मोहब्बत, भाईचारे और अमन का पैगाम देने वाली ईद का त्योहार मुस्लिम धर्मावलंबियों ने अपने घरों में रहकर मनाया। वैसे तो ईद की नमाज खुले मैदान में पढ़ी जाती थी, लेकिन कोरोना वायरस में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने की वजह से इस बार नमाज लोगों ने घर पर पढ़ी। घर के सदस्यों ने आपस में एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी। ईदगाहों और मस्जिदों में लोग समूह के रूप में एकत्रित नहीं हुए। खास बात यह रही कि लोगों ने घर के बाहर के किसी व्यक्ति से गले मिलने से परहेज किया और दूर से ही ईद की मुबारकबाद दी। सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। नमाज के बाद अमन व सुकून बना रहे और करोना वायरस के खात्मे की दुआएं की गई। समाजजनों ने बताया कोरोना काल के चलते भी यह ईद कई मायनों में यादगार रही है।
पहले ऐसा कभी नहीं हुआ
समाज के वाहिद खान, साजिद शेख ने बताया इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि ईद की नमाज घर में पढ़ी गई हो। लेकिन विपरित परिस्थितियों ने सब बदल गया। हर बार ईद पर जो उमंग, उत्साह रहता है वह नहीं दिखा। संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़ी।

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