गेहंू कटाई व खेती का काम करने के लिए सिरवेल क्षेत्र के लोग कसरावद तहसील के ग्रामीण इलाकों में दो-तीन माह पहले ही आ गए। शनिवार तड़के ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए यह मजदूर सुबह ६ बजे जिला मुख्यालय पर आए। परिवार के मुखिया सुखलाल बारेला, जगदीश चोपड़ा ने बताया काम में मन ही नहीं लग रहा। गांव की याद आ रही है। इसलिए बच्चों को साथ लेकर पैदल ही निकल गए हैं।
भगवानपुरा क्षेत्र की राधाबाई ने बताया उनके साथ तीन से सात वर्ष के तीन बच्चे भी है। कभी रास्तें में उन्हें उठाया तो कभी अंगुली पकड़कर चलाया। बड़ों ने तो भूख, थकान बर्दाश्त कर ली, लेकिन शहर के नजदीक आते ही बच्चे हताश हो गए। पैर लडख़ड़ाने लगे तो कुछ देर सुस्ताने के बाद फिर आगे चल पड़े।
भीकनगांव क्षेत्र के कुछ लोग लंबे समय से जुलवानिया क्षेत्र में काम कर रहे थे। लोक डाउन के चलते वाहन बंद हो गए। ऐसी विपरित परिस्थितियों में मजदूरों को साधन नहीं मिला तो वे भी पैदल ही रवाना हो गए। भागीरथ सरते, दयालु वर्मा, दीनू, रजनी ने बताया जहां थे वहां काम बंद हो गया। खाने-पीने के लिए भी दिक्कते हो रही थी, इसलिए गांव लौटे।
झिरन्या क्षेत्र के करीब ८ से १० युवा पढ़ाई के लिए इंदौर गए थे। वहां कोई साधन नहीं मिला। बाहर पुलिस की पहरेदारी देख दिन की बजाय रात में जंगलों के रास्ते गांव के लिए निकल पड़े। शनिवार को यह युवा वांचूपाइंट के रास्ते मंडलेश्वर और यहां से देवला-बोरावा, सिपटान होते हुए गोगांवा के रास्ते भीकनगांव रोड पर निकले। समूह में शामिल सुरेश, राकेश व जितू ने बताया बीच में कई जगह लोगों ने रोका। गांवों में भोजन भी कराया।
जो लोग बाहर से समूह बनाकर पैदल लौटे हैं, इनकी जांच को लेकर भी प्रशासन अलर्ट है। कलेक्टर गोपालचंद डाड ने कहा- बाहर से आने वाले ऐसे लोगों की जांच कराएंगे।
एसपी सुनील कुमार पांडेय ने बताया जो भी व्यक्ति बाहर से आ रहे हैं वे इसकी जानकारी दें। यह ग्रामीणों का भी दायित्व है कि वह पुलिस प्रशासन को बताएं, बाहर से आने वालों की स्क्रेनिंग जरूरी है।