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पहले से कोरोना का डर अब बारिश ने ढाया कहर

locationखरगोनPublished: Mar 28, 2020 01:52:41 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

-बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, फसलों को होगा नुकसान-मौसम में आए परिवर्तन से बढ़ सकते हैं सर्दी-खांसी के मरीज

corona virus infection

बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, फसलों को होगा नुकसान

खरगोन.
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर वैसे ही हर शख्स डरा-सहमा है। ऊपर से समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही। खासकर किसान वर्ग इन दिनों ज्यादा ही जुझ रहा है। कोरोना वायरस के चक्कर में मजदूरों ने काम बंद कर दिया। गेहंू की कटाई नहीं हुई। ऊपर से शुक्रवार तड़के हुई तेज बारिश ने किसानों की चिंता फिर बढ़ा दी। किसानों का मानना है कि जो गेहंू कट गया है लेकिन उपज नहीं निकाल पाए हैं वहां दाने काले पड़ेेगे, जबकि जो गेहंू खेतों में अभी खड़ा है यदि बारिश के साथ तेज हवा या ओलावृष्टि होती है तो स्वत: ही बर्बाद हो जाएंगे। कुल मिलाकर कोरोना का डर पहले से ही लोगों में था अब आसमान से बरसी आफत की बारिश ने तो जैसे कहर भी बरपाया है।
खरीफ सीजन में अतिवृष्टि के बाद अब रबी सीजन में भी प्रकृति की मार से किसान परेशान हो रहे हैं। इल्लियों के प्रकोप के बीच जैसे. तैसे फसलों को सुरक्षित कर पाए किसानों के माथे पर गुरुवार. शुक्रवार की दरमियानी रात हुई बारिश से चिंता की लकीरें साफ झलकने लगी है। रात में हुई झमाझम बारिश से खलिहानों व खेतों में पानी भर गया। इससे खलिहान में रखी रबी सीजन फसलें भीग गई। वहीं शुक्रवार को एक बार फिर मौसम ने अपना रुख बदल लिया। सुबह से ही आसमान में बादल छा गए। भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष श्याम पंवार ने बताया बारिश से उत्पादन पर असर पढऩा स्वाभाविक है।
इल्ली से बचाया, पानी ने धो डाला
किसान कमलेश पाटीदार, श्याम पाटीदार ने बताया रबी सीजन की फसलों में इल्ली का प्रकोप चना पर ज्यादा होता है, लेकिन अब इससे गेहूं की फसल भी सुरक्षित नहीं है। कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी इस पर असर नहीं कर पाया।
उत्पादन पर पड़ेगा असर
किसानों का कहना है कि वर्तमान में अधिकतर खेतों में फसलें कट चुकी है, लेकिन अचानक हुए लॉकडाउन के चलते कई किसान अपनी उपज घर या खलिहान तक नहीं ला पाए, वहीं कई किसान ऐसे है जो अपनी फसल काट नहीं पाए। अब उन्हें न तो मजदूर मिल रहे हंै और न ही मशीने।
सरकार कराए सर्वे, नुकसानी का मिले मुआवजा
बहादरपुरा के किसान जगदीश मालवीया, प्रेमलाल खोड़े, यशवंत मालवीया, नेपालसिंह मंडलोई, सेवकराम राठौड़, नारायण मालवीया, चमन मालवीया , भगवानसिंह खोड़े, प्रतापसिंह निगवाल, कमल सिंह मंडलोई, दयाराम खोड़े, जोगेंद्र सिंह मेहता, उमाशंकर सहित अन्य किसानों ने बताया कि उनकी गेंहू की फसलें खराब हो गई है। किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि फसलों का अविलंब सर्वे करवाया जाए एवं उचित मुआवजा दिलवाया जाए।
आगे क्या : 24 घंटे ऐसा रहेगा मौसम
भोपाल के मौसम विशेषज्ञ डीजी मिश्रा के अनुसार कश्मिर के ऊपरी भाग में पश्चिम विक्षोभ बना है। दक्षिण गुजरात में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है। राजस्थान से कनार्टक के बीच दोडि़का बनी है। इसके चलते मप्र में बारिश की संभावना है। गरज-चमक के साथ २४ घंटे ऐसे हालात रहेगी। शनिवार से मौसम बदलेगा।
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