फसल खराब होने से भुट्टों को फेंकना पड़ा
मगरखेड़ी. अतिवृष्टि के कारण प्रदेश भर में किसानों का जीना दुश्वार हो गया है। किसानों की हालत बहुत ही दयनीय है ।कही किसान की फसल में फल ही नहीं तो कहीं फल लगने के बाद गल गया है। अन्नदाता ही अन्न के लिए मोहताज है। कसरावद तहसील के ग्राम सत्राटी में एक किसान किशोर पिता द्वारका निर्गुडे ने अपनी 10 बीघा मक्का की फसल को खेत से निकालकर घर पर छत पर सूखने को रखा। लेकिन अतिवृष्टि के कारण पूरी फसल नष्ट हो गई। किसान को फेंकना पड़ा। क्योंकि फसल पूरी सड़ गई थी बदबू मारने लगी। किसान का कहना है मेरी जीविका आ आधार बस यही फसल थी मेने साहूकारों ओर बैंक से इसी फसल के लिए ऋण लिया था । अब में कैसे ऋण चुकाऊंगा और परिवार को कैसे पालूंगा। किसान ने सरकार से उचित मुवावजे की मांग की है।
मगरखेड़ी. अतिवृष्टि के कारण प्रदेश भर में किसानों का जीना दुश्वार हो गया है। किसानों की हालत बहुत ही दयनीय है ।कही किसान की फसल में फल ही नहीं तो कहीं फल लगने के बाद गल गया है। अन्नदाता ही अन्न के लिए मोहताज है। कसरावद तहसील के ग्राम सत्राटी में एक किसान किशोर पिता द्वारका निर्गुडे ने अपनी 10 बीघा मक्का की फसल को खेत से निकालकर घर पर छत पर सूखने को रखा। लेकिन अतिवृष्टि के कारण पूरी फसल नष्ट हो गई। किसान को फेंकना पड़ा। क्योंकि फसल पूरी सड़ गई थी बदबू मारने लगी। किसान का कहना है मेरी जीविका आ आधार बस यही फसल थी मेने साहूकारों ओर बैंक से इसी फसल के लिए ऋण लिया था । अब में कैसे ऋण चुकाऊंगा और परिवार को कैसे पालूंगा। किसान ने सरकार से उचित मुवावजे की मांग की है।