script

बगैर दाने का भुट्टा, किसानों की पीड़ा-कैसे पाले परिवार

locationखरगोनPublished: Sep 29, 2019 06:31:41 pm

Submitted by:

Jay Sharma

फसल खराब होने से भुट्टों को फेंकना पड़ा, किसानों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए मंत्री से कहा फसलें चौपट हो गई

Cotton, maize crop spoiled in khargone

Cotton, maize crop spoiled in khargone

खरगोन. जिले में अतिवृष्टि से कपास, मक्का सहित सोयाबीन की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई। किसानों की पीड़ा यह है कि उन्हें अभी तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने महेश्वर तहसील के कई गांवों में किसानों के खेतों पर पहुंचकर जायजा लिया। इनके साथ प्रशासनिक अधिकारी भी थे। एक-दो गांवों में किसानों के खेतों में मक्का की फसल सूख चुकी थी। बगैर दाने के भुट्टे लगे थे। किसानों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए मंत्री से कहा फसलें चौपट हो गई। कैसे परिवार और बच्चों का पालन पोषण करें। मंत्री साधौ ने भी स्वीकारा कि फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है ।मक्का फसल में तो इस बार दाने ही नही बन पाए है। किसानों का दर्द समझ रही हूं। उन्होंने फसल बीमा कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर कहा जितनी जल्दी हो सर्वे कर प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दें। साधौ ने मंडलेश्वर, ठनगांव, मोहना, चोली, बबलाई, समसपुरा, बड़वेल और महेश्वर में फसलों का अवलोकन किया। इस दौरान एसडीएम आनंद राजावत, जनपद पंचायत सीईओ स्वर्णलता काजले सहित तहसीलदार और बीमा कंपनी का अमला उपस्थित रहा।
साधौ ने कृषि उप संचालक एमएल चौहान से फसलों की रिपोर्ट मांगी। चौहान ने कहा कि 3 फसलों की अधिसूचना जारी कर दी गई है। 50 प्रतिशत से अधिक फसलें प्रभावित होने की स्थिति है, जिससें किसानों को शत-प्रतिशत बीमा राशि मिलेगी। जारी अधिसूचना में कपास, मक्का और सोयाबीन की अधिसूचित फसलें शामिल है। बीमा अधिकारियों के साथ बैठक करके सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे कार्य में राजस्व, कृषि, सहकारिता और बीमा के अधिकारी शामिल है।
फसल खराब होने से भुट्टों को फेंकना पड़ा
मगरखेड़ी. अतिवृष्टि के कारण प्रदेश भर में किसानों का जीना दुश्वार हो गया है। किसानों की हालत बहुत ही दयनीय है ।कही किसान की फसल में फल ही नहीं तो कहीं फल लगने के बाद गल गया है। अन्नदाता ही अन्न के लिए मोहताज है। कसरावद तहसील के ग्राम सत्राटी में एक किसान किशोर पिता द्वारका निर्गुडे ने अपनी 10 बीघा मक्का की फसल को खेत से निकालकर घर पर छत पर सूखने को रखा। लेकिन अतिवृष्टि के कारण पूरी फसल नष्ट हो गई। किसान को फेंकना पड़ा। क्योंकि फसल पूरी सड़ गई थी बदबू मारने लगी। किसान का कहना है मेरी जीविका आ आधार बस यही फसल थी मेने साहूकारों ओर बैंक से इसी फसल के लिए ऋण लिया था । अब में कैसे ऋण चुकाऊंगा और परिवार को कैसे पालूंगा। किसान ने सरकार से उचित मुवावजे की मांग की है।

ट्रेंडिंग वीडियो