फरियादी बनकर पुलिस को करता रहा गुमराह
मृतक किसान का बेटा जो अब इस केस में आरोपी भी है, वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा। टीआई के अनुसार शिवपाल की बातें शुरू से अविश्वसनीय लग रही थी। इसके चलते पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। शिवपाल का कहना था कि उसने रात में पत्थर गिरने की आवाज सुनाई दी थी। जबकि वह घटनास्थल से 70 फीट दूर था। पुलिस ने प्रयोग किया, तो इतनी दूरी पर आवाज सुनाई नहीं दी। आसपास के लोगों से जब आरोपी के चाल-चरित्र के बारे में जानकारी निकाली गई, तो पता चला कि आरोपी की अपने माता-पिता के साथ अक्सर अनबन होती थी। शक के आधार पर जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
मृतक किसान का बेटा जो अब इस केस में आरोपी भी है, वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा। टीआई के अनुसार शिवपाल की बातें शुरू से अविश्वसनीय लग रही थी। इसके चलते पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। शिवपाल का कहना था कि उसने रात में पत्थर गिरने की आवाज सुनाई दी थी। जबकि वह घटनास्थल से 70 फीट दूर था। पुलिस ने प्रयोग किया, तो इतनी दूरी पर आवाज सुनाई नहीं दी। आसपास के लोगों से जब आरोपी के चाल-चरित्र के बारे में जानकारी निकाली गई, तो पता चला कि आरोपी की अपने माता-पिता के साथ अक्सर अनबन होती थी। शक के आधार पर जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
दोस्त को दिलाया था मोबाइल
टीआई सोनी ने बताया कि पूछताछ में शिवपाल रंगीन मिजाज और जुटे-सट्टे का शौकिन रहा। कुछ दिन पहले ही उसने दोस्त रहीम पिता पप्पू को फाइनेंस में 27 हजार का मोबाइल दिलवाया था। और इसके लिए उसने बंधन बैंक से 30 हजार का समूह उठाया था। ना तो रहीम मोबाइल की किस्त जमा कर रहा था। ना ही शिवपाल समूह की राशि जमा कर पा रहा था। पिता से रुपए मांगे, जिन्होंने मना कर दिया। विवाद से बचने और भविष्य में इंदौर-इच्छापुर हाईवे की जमीन के मुआवजा बतौर मिलने वाली 72 लाख राशि की बड़ी रकम पर उसकी नजर थीं। जिससे उसके दिमाग में पिता की हत्या की करतूत सुजी।
टीआई सोनी ने बताया कि पूछताछ में शिवपाल रंगीन मिजाज और जुटे-सट्टे का शौकिन रहा। कुछ दिन पहले ही उसने दोस्त रहीम पिता पप्पू को फाइनेंस में 27 हजार का मोबाइल दिलवाया था। और इसके लिए उसने बंधन बैंक से 30 हजार का समूह उठाया था। ना तो रहीम मोबाइल की किस्त जमा कर रहा था। ना ही शिवपाल समूह की राशि जमा कर पा रहा था। पिता से रुपए मांगे, जिन्होंने मना कर दिया। विवाद से बचने और भविष्य में इंदौर-इच्छापुर हाईवे की जमीन के मुआवजा बतौर मिलने वाली 72 लाख राशि की बड़ी रकम पर उसकी नजर थीं। जिससे उसके दिमाग में पिता की हत्या की करतूत सुजी।
कंबल ओढ़कर सो रहे पिता पर छुपकर हमला
पिता को मारने के लिए आरोपी शिवपाल उन्हें पानी देने के बहाने से रात में खेल पर ले गया। जहां उसने पिता से कहा कि मैं काम करता हूं और तुम जाकर सो जाओ। साहेबसिंह कंबल ओढ़कर सो गया। पीछे से शिवपाल वहां पहुंचा। उसने पिता को सोता हुआ देखकर पत्थर से सिर जोरदार हमला किया। इसके बाद बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना के वक्त पहने कपड़े व पत्थर भी जब्त किया, जिससे आरोपी ने हत्या जैसा अपराध किया। उक्त प्रकरण में टीआई राजेंद्र सोनी के निर्देशन में एसआई नीरज लोधी, दीपक तलवारे, शरद पाटील, आरक्षक राजू गुर्जर, मुकेश तिरोले, हरिओम बड़े, राजा सिंह, राकेश पाटिल, सूर्यप्रकाश ने जांच में सहयोग किया।
पिता को मारने के लिए आरोपी शिवपाल उन्हें पानी देने के बहाने से रात में खेल पर ले गया। जहां उसने पिता से कहा कि मैं काम करता हूं और तुम जाकर सो जाओ। साहेबसिंह कंबल ओढ़कर सो गया। पीछे से शिवपाल वहां पहुंचा। उसने पिता को सोता हुआ देखकर पत्थर से सिर जोरदार हमला किया। इसके बाद बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना के वक्त पहने कपड़े व पत्थर भी जब्त किया, जिससे आरोपी ने हत्या जैसा अपराध किया। उक्त प्रकरण में टीआई राजेंद्र सोनी के निर्देशन में एसआई नीरज लोधी, दीपक तलवारे, शरद पाटील, आरक्षक राजू गुर्जर, मुकेश तिरोले, हरिओम बड़े, राजा सिंह, राकेश पाटिल, सूर्यप्रकाश ने जांच में सहयोग किया।