पानी को बैराज लाने में यह थी चुनौतियां
कम पानी : बांधों में पानी बेहद कम हो गया था। डेड वॉटर को बैराज तक लाना संभव नहीं था। पानी कम होने से प्रेशर ही नहीं बन रहा था।
सूखी नदी : कुंदा नदी गर्मी में पूरी तरह सूख गई। रेत के अवैध उत्खनन के चलते नदी में बड़े-बड़े गड्ढे बने। इन समस्याओं ने पानी के रास्ते अवरोध पैदा किए।
पानी की चोरी : कुछ लोगों ने अवैध मोटरपंप लगाकर नदी में छोड़े गए पानी में सेंध लगाई। पानी बैराज तक कम पहुंच रहा था।
चुनौतियों का ऐसे किया समाधान
लगाए मोटरपंप : डेड वॉटर बैराज तक प्रेशर के साथ आए इसके लिए नपा ने 60 हार्सपॉवर के तीन मोटरपंप खारक बांध में लगाए।
मशीनों से बनाया रास्ता : सूखी नदी व गड्ढों के कारण पानी बैराज तक नहीं आ रहा था। 15 दिन सतत जेसीबी मशीनें चलाकर नदी में रास्ता बनाया गया।
नदी पर की पेट्रोलिंग : पानी की चोरी को रोकने के लिए नदी के किनारों पर 36 कर्मचारियों ने सतत पेट्रोलिंग की। 80 से ज्यादा मोटरपंप जब्त किए।
कम पानी : बांधों में पानी बेहद कम हो गया था। डेड वॉटर को बैराज तक लाना संभव नहीं था। पानी कम होने से प्रेशर ही नहीं बन रहा था।
सूखी नदी : कुंदा नदी गर्मी में पूरी तरह सूख गई। रेत के अवैध उत्खनन के चलते नदी में बड़े-बड़े गड्ढे बने। इन समस्याओं ने पानी के रास्ते अवरोध पैदा किए।
पानी की चोरी : कुछ लोगों ने अवैध मोटरपंप लगाकर नदी में छोड़े गए पानी में सेंध लगाई। पानी बैराज तक कम पहुंच रहा था।
चुनौतियों का ऐसे किया समाधान
लगाए मोटरपंप : डेड वॉटर बैराज तक प्रेशर के साथ आए इसके लिए नपा ने 60 हार्सपॉवर के तीन मोटरपंप खारक बांध में लगाए।
मशीनों से बनाया रास्ता : सूखी नदी व गड्ढों के कारण पानी बैराज तक नहीं आ रहा था। 15 दिन सतत जेसीबी मशीनें चलाकर नदी में रास्ता बनाया गया।
नदी पर की पेट्रोलिंग : पानी की चोरी को रोकने के लिए नदी के किनारों पर 36 कर्मचारियों ने सतत पेट्रोलिंग की। 80 से ज्यादा मोटरपंप जब्त किए।
यह होगा असर
पानी की कमी के चलते पेयजल वितरण का शेड््यूल बेपटरी हो गया था। निचली बस्तियोंं में 10-15 दिन में पानी बंट रहा था। अब बैराज में पानी पहले की तुलना में ज्यादा है। एक दिन छोड़कर पानी नियमित दिया जा सकता है।
पानी की कमी के चलते पेयजल वितरण का शेड््यूल बेपटरी हो गया था। निचली बस्तियोंं में 10-15 दिन में पानी बंट रहा था। अब बैराज में पानी पहले की तुलना में ज्यादा है। एक दिन छोड़कर पानी नियमित दिया जा सकता है।
15 दिन चलाया विशेष अभियान
36 कर्मचारियों ने निकाली बांध की गाद
36 कर्मचारियों ने की नदी पर पेट्रोलिंग
80 से ज्यादा मोटरपंप जब्त
15 से ज्यादा मशीनरी का उपयोग परिश्रम के बाद बैराज तक पानी पहुंच गया है। कुछ हद तक समस्या दूर हो जाएगी। पेयजल वितरण का भी शेड््यूल उपलब्ध पानी के हिसाब से बनाया है। समस्या नहीं आएगी।
-निशिकांत शुक्ला, सीएमओ, खरगोन
36 कर्मचारियों ने निकाली बांध की गाद
36 कर्मचारियों ने की नदी पर पेट्रोलिंग
80 से ज्यादा मोटरपंप जब्त
15 से ज्यादा मशीनरी का उपयोग परिश्रम के बाद बैराज तक पानी पहुंच गया है। कुछ हद तक समस्या दूर हो जाएगी। पेयजल वितरण का भी शेड््यूल उपलब्ध पानी के हिसाब से बनाया है। समस्या नहीं आएगी।
-निशिकांत शुक्ला, सीएमओ, खरगोन