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Khargone -जिला अस्पताल में नवजात की मौत के बाद गुस्से में समाज, दोषी डॉक्टरों को बर्खाश्त करने की मांग

locationखरगोनPublished: Oct 24, 2020 09:30:20 pm

मेटरनिटी वार्ड के बाहर पांच घंटे तक दिया धरना, परिजन व समाजजन धरने पर बैठे, सीएमएचओ को मोबाइल में दिखाए फोटो, कैसे होती है मनमानी

district hospital news in khargone

मेटरनिटी के बाहर धरना देकर बैठे समाजजन व ग्रामीण

खरगोन.
दो दिन पूर्व ग्राम घोट्या की गर्भवती महिला पूजा पति सावन पाटीदार के प्रसव के दौरान हुई नवजात की मौत का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा। महिला के परिजन मौत के लिए स्टॉफ पर लापरवाही के आरोप मढ़ रहा है। परिजनों का साथ देते हुए शनिवार को समाजजन भी आगे आए और पूरी घटना पर जमकर आक्रोश दिखाया। जिला अस्पताल परिसर में सुबह 11 बजे धरना शुरू किया और इस मांग पर अड़े रहे कि मामले में लिप्त स्टॉफ पर स त कार्रवाई की जाए। फिलहाल सीएमएचओ ने न्यायसंगत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मामले ने शनिवार को उग्र रूप ले लिया और गुस्साए परिजनों के साथ ही पाटीदार समाजजन मेटरनिटी पहुंचे। यहां अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर धरना देकर चिकित्सकों को निलंबन करने की मांग को लेकर मौन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरने की सूचना पर पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र जोशी एवं पुलिसकर्मियों ने समझाइश के प्रयास किए, लेकिन सब नाकाम रहा। सरदार पटेल युवा संघटन के बैनर तले इक_ा हुए समाजजनों ने जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग की।
6 घंटे तक चला धरना प्रदर्शन, अस्पताल गेट बंद कर जताया विरोध
सुबह करीब 11 बजे शुरु हुआ प्रदर्शन देरशाम तक चलता रहा। यहां समाजजनों एवं परिजनों को समझाइश के लिए खरगोन सीएमएचओ डॉॅ. रजनी डावर पहुंची। उन्होंने परिजनों एवं समाजजनों का आश्वस्त किया कि वे लापरवाही बरतने वाले स्टॉफ के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगी। सीएमएचओ ने भी धरना खत्म करने की बात कही, लेकिन समाजजन स्टॉफ एवं चिकित्सकों को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। शाम करीब 5 बजे तक धरना चला। सुनवाई नहीं होने पर बाद में समाजजन कलेक्टोरे भी पहुंचे।
समाजजन बोले- लापरवाही बंद नहीं हुई तो होती रहेगी घटनाएं
धरने के दौरान पाटीदार समाज के नत्थु पाटीदार, नटवर पाटीदार, गोरू पाटीदार आदि ने कहा यह आज एक पीडि़त की बात नहीं है। यदि समय रहते लापरवाही पर रोक नहीं लगे तो आगे और किसी के साथ ऐसी घटना घटित हो सकती है। महेश पाटीदार ने सीएमएचओ से कहा आप सख्त एक्शन लें, जिससे प्रदेश में संदेश जाए कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रातभर दर्द से कराहती रही गर्भवती महिला
पीडि़त सावन पाटीदार ने सीएमएचओ को बताया उन्होंने पत्नी पूजा का 9 माह के दौरान डॉ. महेंद्र बड़ोले से समय-समय पर उपचार कराया था। प्रसव पीड़ा के बाद उन्होंने ही 21 अक्टूबर की रात 9 बजे भर्ती कराने की सलाह भी दी। इसके बाद भर्ती कराने पर कोई चिकित्सक देखने नहीं आया, पूजा दर्द से कराहती रही। इस पर उन्होंने मौजूद स्टॉफ से गुहार लगाई कि किसी भी चिकित्सक को बुलाकर सीजर से प्रसव करा दो लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉ. बड़ोले को भी फोन लगाया उन्होंने दो टूक कहा कि मेरी ड्यूटी नहीं है मैं नहीं आऊंगा। इसके बाद तड़के डॉ. इंदिरा गुप्ता पहुंची उन्होंने पहले सीजर रूम में पूजा को बुलाया इसके बाद जांच कर कह दिया कि नार्मल प्रसव हो जाएगा, लेकिन सुबह 6 बजे जब प्रसव हुआ तो, उन्होंने बच्चे के मृत होने की जानकारी दी। सावन ने आरोप लगाया कि यदि समय पर ऑपरेशन से प्रसव कराया जाता तो उनकी नवजात बच्ची बच जाती।
नहीं थम रही लापरवाही की शिकायतें
धरने में शामिल ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णा ठाकुर ने कहा केंद्र एवं प्रदेश की सरकार जहां प्रदेश के मेडिकल कॉलेज स्थापित कर जिलों में बेहतर चिकित्सा सेवाओं के दावे कर रही है वहीं, जिला अस्पताल में स्टॉफ एवं डॉक्टरों की लापरवाही के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे। रोजाना रुपए मांगने या समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं। शासन की अनदेखी के चलते जिले सहित प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।
लापरवाही की दो शिकायतें यह भी…
आईसीयू में गलत इलाज से बच्चे की मौत का आरोप
धरने के दौरान अन्य मरीजों के परिजन भी सीएमएचओ के सामने शिकायतें लेकर पहुंच गए। दयालपुरा पीपरी के रविंद्र केवट ने सीएमएचओ को बताया उनकी पत्नी प्रियंका को 21 अक्टूबर को प्रसव के लिए भर्ती कराया था, यहां 22 को ऑपरेशन से बालक का जन्म हुआ। इसके बाद बच्चे को आईसीयू में रखा गया। जन्म के दौरान उन्हें बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है, लेकिन 3 घंटे बाद कह दिया कि बच्चे की सांस नहीं चल रही है, वह अब नहीं रहा। रविंद्र ने आरोप लगाया कि आईसीयू में गलत उपचार से उनके बच्चे की जान गई।
भर्ती होने के बाद भी नहीं हो रहा उपचार
इसी तरह कोटबेडा के रामू ने कहा कि उनकी पत्नी सुनीता को 21 अक्टूबर से प्रसव के लिए भर्ती कराया था। शनिवार को तीसरा दिन है। इसके बाद भी उसका न तो उपचार कराया जा रहा है, न ही उसे प्रसव हुआ। स्टॉफ रोजाना उन्हें यहां से वहां दौड़ा रहे।
सिविल सर्जन से मांगा प्रस्ताव
लापरवाही की शिकायत पर सिविल सर्जन से प्रस्ताव मांगा है। प्रस्तावित दोषियों पर जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा।

डॉ, रजनी डावर, सीएमएचओ खरगोन।

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