पीडि़त परिवार के घर से आरोपी करीब ढाई किमी दूर रहता है। आरोपी के कपड़ों पर खून के निशान भी मिले थे। घटनास्थल से आरोपी भागकर अपने गांव केराला पहुंचा। जहां सुबह-सुबह सार्वजनिक नल पर खून से सने हाथों को साफ कर रहा है, तो एक व्यक्ति ने उसे टोककर पूछा भी, लेकिन आरोपी इधर-उधर की बात कर वहां से निकल गया।
गुरुवार को नासिक डीआईजी प्रतापराव दिवाकर, जलगांव एसपी डॉ. प्रवीण मुडे, एएसपी चंद्रकांत गवली ने प्रेसवार्ता लेकर पुलिस कार्रवाई की जानकारी दी। डीआइजी ने बताया कि पुलिस ने घटना से पर्दा उठाने के लिए 54 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें 22 संदिग्धों के डीएन टेस्ट (सेंपल) लेकर जांच के लिए नासिक भेजे थे। इसमें एक सेंपल आरोपी महेंद्र से मेच हुआ है। जिसके आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
पुलिस ने गुरुवार उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा। मालूम हो कि रावेर में 15 अक्टूबर की रात्रि में बदमाशों ने खेत पर बने मकान में घुसकर 13 साल की नाबालिग से बलात्कार करने के बाद बड़ी ही बेहरमी से पीडि़ता सहित उससे छोटे 11 और 8 साल के भाई तथा छह साल की बहन की हत्या कर दी थी। यह परिवार खरगोन जिले के बिस्टान क्षेत्र के गढ़ी का रहने वाला है, जो करीब डेढ़ दशक से काम के लिए महाराष्ट्र चला गया था। घटना के दिन माता-पिता अपने बड़े लड़के के साथ गढ़ी आए हुए थे। जहां रात्रि में दरिंदगी की घटना हुई।
70 पुलिसकर्मी, अफसर और साइबर की टीम जुटी
घटना के बाद से पीडि़त परिवार सहित रश्तिेदार गम में डूबे हुए है। वहीं पुलिस के लिए आरोपियों की गिरफ्तारी सिरदर्द बनी हुई है। एसपी डॉ. प्रवीण मुंडे ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तार के लिए जलगांव, धुले, नंदुरबार, नासिक के 70 पुलिसकर्मी, अधिकारी और साइबर क्राइम की टीम जुटी है। अभी सिर्फ एक आरोपी को पता चला है। अन्य की तलाश की जा रही है। महाराष्ट्र के एक अखबार ने पीडि़ता के साथ गैंगरेप की खबर प्रकाशित की। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की। पुलिस का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता सकते हैं।