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weather-भीषण गर्मी से खूब तपा निमाड़, इस बार क्षेत्र में जल्दी मानसून की दस्तक

locationखरगोनPublished: May 17, 2022 04:16:15 pm

निमाड़ में 15 जून के आसपास मानसून के आने की संभावना, जानकार बोले-इस बार अच्छी बारिश के संकेत

early monsoon in the Nimar area

आसमान में छाए बादल। दिनभर उमस होती रही

खरगोन.
प्रदेश सहित निमाड़ में इनदिनों भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से हर कोई परेशान है। गर्मी से बचाव के लिए खूब जतन किए जा रहे हैं। यह बारिश के लिए लिहाज से अच्छे संकते हैं। क्योंकि बुजुर्गों के साथ ही मौसम के जानकारों का मनाना है जिस वर्ष गर्मी अधिक होती है, उस साल मानसून जल्दी आता है। इन संभावनाओं के आधार पर इस वर्ष मानसून समय से पहले प्रदेश सहित जिले में दस्तक दे सकता है। अगले सप्ताह में प्री-मानसून की एक्टीविटी भी शुरू होने के आसार है। हालांकि पिछले एक सप्ताह रिकॉर्ड गर्मी से लोगों का दम निकाल रही और तापमान 46.5 डिग्री तक पहुंच गया है। यह स्थिति अगले दो-तीन तक बनेगी रहेगी। इसके बाद तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है। शनिवार को आसमान में बादलों के साथ ही उमस बढ़ी रही। जिससे लोग परेशान होते नजर आए। उल्लेखनीय है कि पिछले साल जिले में औसत बारिश कम हुई थी। कई तहसीलों में बारिश का आंकड़ा 20 इंच से भी कम रहा। भीकनगांव और झिरन्या ब्लॉक में कम बरसात होने से पेयजल संकट की समस्या गंभीर बनी हुई है।
15 जून के आसमान बारिश

देश में मानसून की सबसे पहले केरल की तरफ से आता है। यह हर बार एक जून या उसके आसपास आता है। वहीं मौसम विभाग ने इस बार मानसून के जल्द दस्तक देने की घोषणा की है। यह 27 मई तक केरल और 15 जून तक मप्र में पहुंचेगा। पिछले वर्ष यह 25 से 28 जून के आसमान खरगोन पहुंचा था। इसमें भी खंडवर्षा होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। दो से तीन बार बोवनी हुई।
प्री-मानसून की गतिविधियों से राहत

मासूम विभाग भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में इस बार गर्मी का रौद्र रूप देखने को मिला। 16 जून के बाद मौसम में बदलाव के साथ तापमान में कमी होगी। इस दौरान प्री-मानसून गतिविधियां आरंभ होने से गर्मी से लोगों को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।
2013 और 2020 मेंं हुई जोरदार बारिश

क्षेत्र में बारिश का आंकड़ा यूं तो साल-दर साल कम होता जा रहा है। वहीं 2013 और 2020 में मानसून ने समय पर आकर चौका दिया। इसके पूर्व 2007 में सर्वाधिक 1030 (41 इंच ) बारिश हुई थीं। वहीं पिछले साल 705.5 मिमी लगभग 28 इंच बारिश हुई थी।
ऐसे समझे बारिश की स्थिति को

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में मानसून के आने के दो प्रमुख रूट है। पहला मार्ग पश्चिम बंगाल और दूसरा अरब सागर से आता है। सिस्टम सक्रिय होने के उपरांत ठंडी हवाएं अपने साथ बारिश लेकर आती है। केरल के बाद हवा की रफ्तार तेज होने पर मानसून आगे बढ़ता है।
2012 से 2021 तक सालाना वर्षा

वर्ष कुल बारिश
2011-12 792.7
2012-13 807.4
2013-14 874.9
2014-15 804.5
2015-16 512.0
2016-17 664.2
2017-18 744.2
2018-19 604.3
2019-2020 159.1
2020-21 811.8
2021-22 705.5
(स्त्रोत- भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार। आंकड़े मिमी में। )

15 जून के बाद

16 मई के बाद मौसम आधारित गतिविधियों में बदलाव होगा। जिसके बाद तापमान दो से तीन डिग्री कम हो सकता है। गर्मी अधिक होने से इस बार अच्छी बारिश के संकते है। मप्र में मानसून 15 से 20 जून के मध्य आने की संभावना है।
पीके शाह, निदेशक मौसम विभाग भोपाल

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