जिले की 200 स्कूलों में नहीं शिक्षक, अतिथियों के भरोसे नौनिहालों का भविष्य
खरगोनPublished: Jul 04, 2023 12:18:53 pm
जनजाति विकास विभाग में 537 शिक्षकों की भर्ती के बावजूद कई पद खाली


झिरन्या क्षेत्र में चार साल से टूटी स्कूल। निजी मकान में चल रहा शाला
खरगोन.
नवीन शिक्षा सत्र शुरु होने के साथ स्कूलों में पढ़ाई का दौर भी चल पड़ा है। प्रायमरी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। जहां तक शिक्षा की बात है, तो जिले में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भारी कम है। तकरीबन 200 ऐसे प्रायमरी शालाएं शिक्षक विहिन है। जहां अभी तक अतिथियों के भरोसे नौनिहालों का भविष्य गढ़ जा रहा था। वहीं इस बार शासन स्तर से उच्च पदों पर भर्ती के साथ शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार की कवायद होना है। किंतु इस प्रक्रिया में समय लगने पर जिन शालाओं में शिक्षक पहले से कम है, वहां पढ़ाई बाधित होगी। जिसे लेकर अभी तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में हर साल लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश पाते हैं। इनके अनुपात में शिक्षक नहीं है। पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों की नियुक्त जरुरी हुई है, लेकिन इनकी संख्या ऊंगलियों पर गिनी जा सकती है। शिक्षा विभाग में 23 तो जनजाति विकास विभाग में 587 नवीन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इसके बावजूद लगभग डेढ़ सौ से दो सौ शालाएं शिक्षक विहिन है।