कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गोविंद मुजाल्दा ने सोमवार को दिन में बच्चों व पत्नी के साथ भोजन किया। इसके बाद दोपहर में पीजी कॉलेज पहुंचे। यहां निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक में उपस्थित रहे। मुजाल्दा ने बताया कि चुनावी प्रचार के दौरान वे अक्सर देर रात को लौटते थे। इस दौरान न तो परिवार को समय दे पाए और ना ही आराम मिला। वहीं सोमवार को मतदान के बाद उन्होंने पर्याप्त नींद ली। शाम करीब ४ बजे पार्टी कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से चर्चा की। मुजाल्दा पेशे से चिकित्सक है और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र पटेल ने भी मतदान के बाद ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताया। बड़वानी में हाउसिंग बोर्ड स्थित मकान पर पटेल दोपहर १२ बजे तक मौजूद थे। उन्होंने सुबह का नाश्ता और भोजन मां, पत्नी और बच्चों के साथ किया। इसी दौरान वह नगर में एक परिचित के यहां पगड़ी कार्यक्रम में शरिक हुए। वहीं शाम करीब ७ बजे बड़वानी से खरगोन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रास्ते में राजपुर, जुलवानिया, सेगांव और ऊन में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। साथ ही मतदान को लेकर फीडबैक लिया। खरगोन में सनावद रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर पदाधिकारियों के साथ औपचारिक भेंट कर मतदान की समीक्षा की।
इधर, मतदान के बाद जो चुनावी एग्जिट पोल सामने आ रहे हैं, उससे कांग्रेस में हलचल मची हुई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लोकसभा प्रत्याशियों के साथ ही विधायकों की बैठक बुलाई हैं। इस बैठक में प्रत्याशी डॉ. गोविंद मुजाल्दा सहित जिले के सभी विधायक शामिल होंगे। जहां खरगोन-बड़वानी संसदीय क्षेत्र में हुए मतदान को लेकर चर्चा की जाएगी।
समीकरण…
भाजपा को शहरी और कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों से जीत की उम्मीद
जिले में हुए रिकॉर्ड मतदान के बाद दोनों ही राजनीति दल और उससे जुड़े प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा को शहरी क्षेत्र और कांग्रेस को ग्रामीण क्षेत्रों से जीत मिलने की उम्मीद हैं। इसी के चलते सोमवार को दोनों ही दलों के पदाधिकारी और प्रत्याशी जीत-हार का गुणाभाग लगाते रहे। हालांकि इसका फैसला आने वाली २३ मई को मतणगना के साथ होगा। इस बार लोकसभा चुनाव में शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी रिकॉर्ड मतदान हुआ हैं। भगवानपुरा जैसे आदिवासी इलाके भी लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया हैं। खरगोन जिले में महेश्वर विधानसभा में सबसे ज्यादा ७८.२५ प्रतिशत मतदान हुआ है। २०१४ के मुकाबले इस बार खरगोन-बड़वानी संसदीय सीट पर लगभग ११ प्रतिशत अधिक मतदान हुआ हैं।
मतदान संपन्न होने के बाद अब सभी की निगाहे चुनावी नतीजों पर टिकी है। २३ मई को मतगणना के बाद साफ होगा की जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा। २००९ में हुए परिसीमन के बाद अजजा वर्ग के लिए आरक्षित खरगोन सीट पर पिछले दो चुनाव में जीत भाजपा को मिली हैं। कांग्रेस यहां अपना खाता खोलने के लिए मैदान में उतरी थी।