कृषि मंत्री के प्रभार वाले जिले में गड़बड़ी खरगोन जिले का प्रभारी कृषि मंत्री कमल पटेल है। जहां इस तरह की गड़बड़ी होने से किसानों में नाराजगी है। तो वहीं निजी कंपनियों पर लगाम कंसने में शासन-प्रशासन अभी तक नाकाम साबित हुआ है। यही कारण है कि हर साल करोड़ों का कारोबार करने वाली कंपनियों द्वारा खुले रूप से माल बेचा जा रहा है।
किसान बोले-रिपोर्ट आने में देरी से आर्थिक नुकसान
किसान बोले-रिपोर्ट आने में देरी से आर्थिक नुकसान
भाकिसं के पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम पंवार का कहना है प्राइवेट कंपनियों द्वारा अमानक खाद-बीज और कीटनाशक से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह सरकार और कंपनियों की मिलीभगत का नतीजा है। हर साल सेंपल लेने की कागजी कार्रवाई है और रिपोर्ट दो से तीन महीने बाद आती है। जब तक को किसान खाद-बीज का उपयोग खेतों में कर चुके होते है। मामली अर्थदंड लगा देने से यह धंधा बंद नहीं होगा। इसकी भरपाई के रूप में कंपनियों से राशि वसूल कर किसानों को दी जाना चाहिए।
ये है वास्तविक कार्रवाई की स्थिति खरीफ रबी सीजन
सेंपल का लक्ष्य-925 लक्ष्य-838
नमूने लिए- 819 नमूने-696
मानक-684 मानक-558
अमानक-74 अमानक-47
बीज के अमानक नमूने-15 बीज-13
खाद के नमूने-52 खाद-47
कीटनाशक- 7 कीटनाशक-3 (नोट:- कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार।)
तीन पर हुई एफआईआर, छह लाइसेंस निरस्त
सेंपल का लक्ष्य-925 लक्ष्य-838
नमूने लिए- 819 नमूने-696
मानक-684 मानक-558
अमानक-74 अमानक-47
बीज के अमानक नमूने-15 बीज-13
खाद के नमूने-52 खाद-47
कीटनाशक- 7 कीटनाशक-3 (नोट:- कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार।)
तीन पर हुई एफआईआर, छह लाइसेंस निरस्त
अमानक सेंपल आने पर कृषि विभाग द्वारा तीन विक्रेताओं पर एफआईआर की गई। यह कार्रवाई खरीफ सीजन और रबी सीजन में अलग-अलग हुई है। इसी तरह दोनों ही सीजन में छह विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त हुए है। एक व्यापारी का लाइसेंस निलंबित हुआ है।
सख्त कार्रवाई विभाग द्वारा अमानक खाद-बीज बेचने वाली कंपनी और विक्रेताओं के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल चार एफआईआर दर्ज की गई। यह प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं। किसानों के साथ धोखाधड़ी बिलकुल बर्दाश्ता नहीं की जाएी। सख्त कार्रवाई करेंगे।
एमएल चौहान, उपसंचालक कृषि विभाग खरगोन अधिकारियों की मिलीभगत अधिकारियों की मिलीभगत से अमानक जिले में खाद-बीज बेचा जा रहा है। पिछले सालों में जब भी किसानों द्वारा ही इसका भंडाफोड़ किया। विभाग ने कुछ नहीं किया। भीकनगांव के मामले में भी एफआईआर दर्ज करने में जान बूझकर देरी की जा रही है।
श्याम पंवार, पूर्व अध्यक्ष भाकिसं खरगोन