गाइडलाइन से कम मुआवजा
धनगांव में करीब 50 से अधिक किसानों ने कम मुआवजा मिलने की शिकायत की। ग्रामीणों ने बताया कि पटवारी द्वारा गांव में सर्वे के दौरान देलगांव की भूमि को हाईवे पर दर्शाया गया। जिसकी गाइडलाइन कम है। साथ ही हमारी खेती हाईवे के पास से गुजर रही है। जिसका मुआवजा अधिक है। उस समय भी हमने कम मुआवजे की राशि देने की शिकायत की थी। एनएच द्वारा अन्य ग्रामों में राशि बढ़ाकर किसानों को दी गई है। जिस पेड़ के 500 दिए जा रहे हैं। वहीं पर 2000 का मुआवजा होता है। जबकि कही कम तो कही ज्यादा मुआवजा दिया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व में भी पटवारी एवं कलेक्टर को शिकायत कर यहां पर फिर से सर्वे करवाने की बात कही गई थी। अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी दोबारा सर्वे नहीं किया गया। और सड़क निर्माण कंपनी से जुड़े हुए अधिकारी वाहनों से खेतों में कार्य करने आ जाए। इस दौरान किसानों ने विरोध जताते हुए अधिकारियों से काम नहीं करने की बात कही।
दो घंटे तक चला हंगामा
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा करीब दो घंटे तक हंगामा किया गया। इस दौरान एनएच के प्रशांत शिवहरे, छैगांव माखन तहसीलदार माला अहिरवार, धनगांव टीआई बलराम जाट सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद था। किसानों ने बताया कि जमीन निर्धारण के समय ही हमें हमने हमारी शिकायत दर्ज करवाई थीं। उस समय अधिकारियों ने कहा था कि आप लोगों की जमीन का फिर से सर्वे होगा। लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं। जिनकी जमीन का सर्वे नहीं किया गया। ना ही उन्हें गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन अधिकारी नहीं माने और शनिवार को फिर अमला लेकर खेतों में आ गए। जहां किसानों के विरोध के बाद अधिकारियों को काम बंद करना पड़ा। वही सुबह 10 बजे से आए अधिकारी दोपहर 2 बजे तक किसानों से चर्चा करते रहे। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
सोमवार को कलेक्टर से चर्चा करेंगे
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, मांधाता विधायक नारायण पटेल द्वारा किसानों से चर्चा हुई। सोमवार तक इस मामले में समाधान निकालने की बात पर सहमति बनी। और किसान खेतों से रवाना हुए।
सभी को मुआवजा
सरकार द्वारा सभी लोगों को उचित मुआवजा दिया जा रहा है। साथ ही जिन किसानों को मुआवजे को लेकर परेशानी है। वह सीधे कलेक्टर न्यायालय में जाकर आवेदन लगा सकते हैं। उसके निराकरण के बाद उन्हें अगर कम मुआवजा मिलता है। तो शासन से पुन: मुआवजा पर चर्चा की जा सकती है।
प्रशांत शिवहरे, प्रभारी नेशनल हाइवे
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा करीब दो घंटे तक हंगामा किया गया। इस दौरान एनएच के प्रशांत शिवहरे, छैगांव माखन तहसीलदार माला अहिरवार, धनगांव टीआई बलराम जाट सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद था। किसानों ने बताया कि जमीन निर्धारण के समय ही हमें हमने हमारी शिकायत दर्ज करवाई थीं। उस समय अधिकारियों ने कहा था कि आप लोगों की जमीन का फिर से सर्वे होगा। लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं। जिनकी जमीन का सर्वे नहीं किया गया। ना ही उन्हें गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन अधिकारी नहीं माने और शनिवार को फिर अमला लेकर खेतों में आ गए। जहां किसानों के विरोध के बाद अधिकारियों को काम बंद करना पड़ा। वही सुबह 10 बजे से आए अधिकारी दोपहर 2 बजे तक किसानों से चर्चा करते रहे। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
सोमवार को कलेक्टर से चर्चा करेंगे
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, मांधाता विधायक नारायण पटेल द्वारा किसानों से चर्चा हुई। सोमवार तक इस मामले में समाधान निकालने की बात पर सहमति बनी। और किसान खेतों से रवाना हुए।
सभी को मुआवजा
सरकार द्वारा सभी लोगों को उचित मुआवजा दिया जा रहा है। साथ ही जिन किसानों को मुआवजे को लेकर परेशानी है। वह सीधे कलेक्टर न्यायालय में जाकर आवेदन लगा सकते हैं। उसके निराकरण के बाद उन्हें अगर कम मुआवजा मिलता है। तो शासन से पुन: मुआवजा पर चर्चा की जा सकती है।
प्रशांत शिवहरे, प्रभारी नेशनल हाइवे