जून २०१९ में मप्र राज्य कृषि विपणन बोड गे प्रबंध संचालक सह आयुक्त ने आदेश दिए थे कि अब किसानों को कृषि उपज मंडियों में उपज बेचने पर उसी दिन अधिकतम दो लाख रुपए का नकद भुगतान किया जाएगा। इस आदेश को किसानों के लिए फायदेमान माना जा रहा था।
शासन प्रावधानों के तहत व्यापारी, क्रेता किसानों को नकद भुगतान नहीं करना चाहते तो बैंक ट्रांसफर प्रणाली ऑनलाइन आरटीजीएस, एनईएफटी, यूपीआई, आईएमपीएस किसी प्रक्रिया से भुगतान कर सकते हैं। इसमें भुगतान की सुनिश्चिंतता के बाद ही ई-अनुज्ञा जारी की जाएगी।
भाकिसं का स्टैंड, प्रशासन के सामने रखेंगे पक्ष
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष श्याम पंवार ने बताया वह बोर्ड के दोनों आदेशों से वाकिफ है। इनमें आरटीजीएस से किसानों को भुगतान करने की बात कही गई है। इस सिस्टम में छोटे किसानों को परेशानी ज्यादा होगी। भारतीय किसान संघ प्रशासन के सामने किसानों का पक्ष करेगा। मांग करेंगे कि कम से कम पचास हजार तक उपज का नकद भुगतान किसानों को दिया जाए, ताकि वे आरटीजीएस के माध्यम से खाते में राशि आने तक अपने जरूरी कामकाम पूरे कर सकें। इसके लिए मंडी प्रबंधन और जिला प्रशासन दोनों से ही मुलाकात की जाएगी।
कपास का नीलामी मुहुर्त आज, सचिव बोले- सूखी फसल लाएं किसान
सीजन केे नए कपास की नीलामी का मुहूर्त ११ सितंबर बुधवार को तय किया है। इस दिन दोपहर 12.15 बजे से खरीदारी शुरू होगी। मंडी सचिव रामवीर किरार ने किसानों से आग्रह किया है कि वे मंडी में कपास साफ, सुथरा एवं सुखा लेकर आए। किसानों को को साथ में बैंक पासबुक, आधारकार्ड की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर भी लाने का कहा गया है, ताकि भुगतान सीधे उनके खातों में हो सके। मुहूर्त में शामिल होने के लिए किसान मंगलवार को ही बैलगाडिय़ों से उपज लेकर मंडी पहुंचे। यहां योजनाओं की जानकारी किसानों को मिले इसके लिए मंडी प्रबंधन ने परिसर में वॉल पेंटिंग भी कराई।
-1 सितंबर से भारत सरकार द्वारा बजट वर्ष 2019.20 में सालाना एक करोड़ की निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस का प्रावधान कर दिया है। इस कारण किसानों को नकद भुगतान नहीं हो सकेगा। इसलिए अब सभी किसानों को भुगतान ऑनलाईन आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से बैंक खातों में किया जाएगा। -रामवीर किरार, मंडी सचिव, खरगोन