किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि बारिश से प्रभावित फसलों का अभी तक सर्वे नहीं हुआ है और ना ही मुख्यमंत्री ने मुआवजे की कोई घोषणा की है। जिले में डेढ़ करोड़ रुपए का प्रीमियम काटा गया है। यह राशि किसानों से वसूली गई। लेकिन अब समय लेने का आया है। धारा 6/4 के तहत प्रति हैक्टेयर 40 हजार रुपए देना तय हुआ है। इसलिए यह राशि किसानों को तत्काल दी जाए। सभा को प्रदेश मंत्री दिनेश पाटीदार, प्रांत महामंत्री नारायण यादव, विभाग संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी, जिला महामंत्री सदाशिव पाटीदार, पूर्व जिलाध्यक्ष सीताराम पाटीदार, युवा किसान गोपाल पाटीदार आदि ने संबोधित किया। सभा के दौरान सैकड़ों की संख्या में जिले के अलग-अलग गांवों से किसान शामिल हुए थे।
कार्यक्रम के दौरान सभा स्थल पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। जिस पर किसानों द्वारा खेतों में खराब फसलों से जुड़ी तस्वीरों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के भाषणों से जुड़ी क्लीप भी दिखाई। इसमें पीएम फसल बीमा, तो राहुल गांधी 10 दिनों में कर्ज माफी की बात कह रहे थे। यह सुनते ही किसानों ने तालियां बजाई। पीएम, मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय दल के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा वादों से किसानों को छला है। इसलिए किसान आज दु:खी और परेशान है।
सभा के दौरान कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं होने का दर्द भी किसानों की बातों से झलका। प्रदेश महामंत्री दिनेश पाटीदार ने कहा कि सरकार ने दो लाख रुपए कर्ज माफी का वचन दिया था, तो पूरा करें। अभी तक प्रदेश में एक भी किसान का दो लाख का कर्ज माफ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ फसल बीमा की खामियां न बताए। फसल बीमा तो हम लेकर रहेंगे, लेकिन पहले मुख्यमंत्री बताएं कि वह कितना मुआवजा देंगे। कपटनाथ (कमलनाथ) ने किसानों को धोखा दिया है।
जिला महामंत्री सदाशिव पाटीदार ने कहा कि पूरे जिले में औसत से अधिक बारिश हुई। इससे कपास, मिर्च, सोयाबीन और अन्य सभी फसलों को नुकसान हुआ है। लेकिन प्रशासन सर्वे में भेदभाव करना चाहता है। इसलिए तीन दिन पहले कृषि मंत्री सचिन यादव के साथ बैठक में बताया कि कलेक्टर सहित अधिकारियों ने बारिश से महेश्वर, कसरावद, बड़वाह और सनावद तहसीलों में ही नुकसान होने की जानकारी दी। जबकि आंकड़ों के हिसाब से सर्वाधिक बारिश भीकनगांव, खरगोन और भगवानपुरा तहसील में बारिश हुई, तो फिर इन क्षेत्रों को नुकसानी से बाहर कैसे मान लिया। किसानों के दबाव में प्रशासन को आदेश जारी कर पूरे जिले में सर्वे की बात कहनी पड़ी।