जानकारी के मुताबिक खरगौन में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इसी दौरान ववहां भगदड़ भी मच गई थी। इसी के बाद से इबरिस (सद्दाम) लापता हो गया था। 10 अप्रैल को लापता हुए सद्दाम की गुमशुदगी की रिपोर्ट 14 अप्रैल को थाने में की गई थी। इसके बाद से पुलिस सद्दाम की तलाश कर रही थी। इब्रिस उर्फ सद्दाम का शव इंदौर के एमवाय अस्पताल में मिला है।

परिजनों का आरोप इब्रिस को मार डाला
परिजनों का कहना है कि 28 साल का सद्दाम अपने घर आनंद नगर मस्जिद में नमाज और रोजेदारों के लिए इफ्तारी देने गया था। लेकिन, उसके बाद से घर नहीं पहुंचा। परिजन 4 दिनों से उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। सद्दाम के परिजनों का कहना है कि उसे थाने, जेल में तलाशते रहे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 14 तारीख को थाने में सद्दाम के लापता होने की रिपोर्ट भी लिखाई थी।
परिजनों का कहना है कि वे निराश हो गए थे और उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी और पोस्टमार्टम रूम में जाकर भी पूछताछ करने लगे, लेकिन यहां भी सद्दाम के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। परिजनों ने पूछा कि सद्दाम जिंदा है या मर गया है तो यही बता दो। सद्दाम की मां ने बताया कि उसकी बीवी और दो माह की छोटी बच्ची है। हम बहुत परेशान हैं। 17 अप्रैल की रात पुलिस सूचना पर परिजन इंदौर के एमवाय अस्पताल पहुंचे, यहां उसकी लाश मिली।

21 लोगों पर मामला दर्ज
इधर, इस प्रकरण में 21 लोगों के खलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ तालाब चौक मस्जिद के पास संजय नगर इलाके में मामला दर्ज किया गया है, जहां पहले रामनवमी के जुलूस पर हमला किया गया था।
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक दंगाइयों के हाथों में पत्थर, पेट्रोल बम, रॉड और अन्य उपयोगी हथियार थे। उन्होंने न केवल जुलूस पर हमला किया, बल्कि आग लगा दी और लूट लिया। बाद में अन्य शिकायतकर्ताओं के आधार पर कई और प्राथमिकी दर्ज की गई। अब तक 44 प्राथमिकी दर्ज की गई और 148 आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया गया।
गृहमंत्री का बयान
इधर, इस मामले में सोमवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि आपकी जानकारी में मैं डालना चाहता हूं ये डेडबाडी 10 तारीख को मिली थी और 11 तारीख को इसका पोस्ट मार्टम हो गया, उसके आधार पर 302 का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उस समय तक किसी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट नहीं की थी। जब एक रिपोर्ट गुमशुदगी की सद्दाम के नाम से आई तो परिवार वालों से शिनाख्त करवाई गई। उसके बाद उनका अंतिम संस्कार करवा दिया गया है।