पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझना है तो ऊन बुजुर्ग निवासी देवेन्द्र पाटीदार से मिलिए। पाटीदार लंबे अरसे से अपने ही घर पर बीज संग्रहित कर खुद पौधे तैयार कर रहे हैं और डिमांड पर इन्हें मप्र ही नहीं अन्य राज्यों में भी पहुंचा रहे हैं। अब तक अनगिनत पौधे इसी तरह तैयार कर बांट चुके हैं। इसी साल उन्होंने 4000 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए और वितरण किया जा रहा है।
पाटीदार ने घर के पास बगीचा तैयार किया है। बीज से पौधें तैयार कर लोगों की मांग पर निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं। इस साल उन्होंने 4000 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए हैं। इसके लिए वे केवल गोबर व गोमूत्र का ही उपयोग करते हैं। पौधा देने के बाद संबंधित व्यक्ति से अपडेट के लिए फोटो भी मांगते हैं। देवेन्द्र बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2020 में करीब 250 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए थे। वर्ष 2021 में 1400 पौधे और इस वर्ष भी उनके द्वारा करीब 4000 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए देवेन्द्र ने 10 पत्ती का बिल्वपत्र के बीज चौन्नई से बुलाए हैं। इसके अलावा स्टारफ्रुट, अंजीर, वॉटर एप्पल, एप्पल आदि बीज लगाकर पौधे बनाएं है।
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यहां पहुंचाए हैं पौधे
देवेन्द्र द्वारा अब तक इंदौर, देवास, शाजापुर, मंदसौर, रतलाम, नीमच, नरसिंहपुर, प्रतापगढ़, राजस्थान, नागौर राजस्थान, जोधपुर, सालासर बालाजी धाम, अमृतसर, झारखंड, बिहार, दिल्ली, हरिद्वार, हिमाचल प्रदेश, मुम्बई, पूना, औरंगाबाद, केरेला, चेन्नई, अहमदाबाद, बडोदरा आदि जगह से कॉल आए इनको निशुल्क बीज भेजे गए।