घरों में हुआ अनुष्ठान
हनुमान भक्त दीप जोशी ने बताया शहर में पहली बार ऐसा हुआ है कि जन्मोत्सव पर सार्वजनिक आयोजन नहीं हुए हैं। शहर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए घर में ही अनुष्ठान किया। गृह शांति, लक्ष्मीनारायण यज्ञ पंडित पंकज शर्मा के आचार्यत्व में हुआ। इसी तरह अन्य भक्तों ने भी बाहर न जाते हुए घरों में रहते हुए पूजन-अर्चन और यज्ञ किए।
हनुमान भक्त दीप जोशी ने बताया शहर में पहली बार ऐसा हुआ है कि जन्मोत्सव पर सार्वजनिक आयोजन नहीं हुए हैं। शहर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए घर में ही अनुष्ठान किया। गृह शांति, लक्ष्मीनारायण यज्ञ पंडित पंकज शर्मा के आचार्यत्व में हुआ। इसी तरह अन्य भक्तों ने भी बाहर न जाते हुए घरों में रहते हुए पूजन-अर्चन और यज्ञ किए।
सार्वजनिक आयोजन नहीं हुए
दंगे के बाद शहर कफ्र्यू के साये में है। धारा १४४ लगी है। सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में शनिवार को शहर में हनुमान जन्मोत्सव के सार्वजनिक आयोजन भी नहीं हो पाए। शहर के इतिहास में पहली बार यह देखा गया कि जन्मोत्सव पर हनुमान मंदिरों में ताले लटके रहे। इक्का-दुक्का श्रद्धालुओं ने मंदिरों की देहरी पर बाहर ही नारियल चढ़ाए और बाहर से प्रणाम कर माथा टेका। संकट मोचन से सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मांगा।
दंगे के बाद शहर कफ्र्यू के साये में है। धारा १४४ लगी है। सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में शनिवार को शहर में हनुमान जन्मोत्सव के सार्वजनिक आयोजन भी नहीं हो पाए। शहर के इतिहास में पहली बार यह देखा गया कि जन्मोत्सव पर हनुमान मंदिरों में ताले लटके रहे। इक्का-दुक्का श्रद्धालुओं ने मंदिरों की देहरी पर बाहर ही नारियल चढ़ाए और बाहर से प्रणाम कर माथा टेका। संकट मोचन से सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मांगा।