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अनूठा प्रयोग… तेज धूप में झुलस कर सूखे नहीं, इसलिए २८० पौधों को कागजों में लपेटा

locationखरगोनPublished: May 05, 2018 12:30:06 pm

जज्बा : पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोफेसर और विद्यार्थियों की सकारात्मक पहल

Heat-wrapping paper

पौधों पर कागज लपेटते प्राचार्य और अन्य।


अश्विन गोस्वामी, खरगोन.
निमाड़ अंचल में इन दिनों सूरज अपना रौद्र रुप दिखा रहा है। 44 डिग्री तापमान और झुलसाने वाली गर्मी में लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। वहीं पौधों और पक्षियों का जीवन इस तपन के कारण खतरे में बना हुआ है। शहर के जीडीसी परिसर में छोटे-छोटे पौधों को धूप से बचाने के लिए अनूठा प्रयोग देखने को मिला। प्रबंधन ने यहां लगे 280 पौधों पर कागज लपेटा हैं, ताकि पत्तियों तक धूप की तेज किरणें न पहुंच सके। प्राचार्य डॉ. एमके गोखले ने बताया कि बीते साल 2 जुलाई को पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया गया था। मार्च माह में तापमान 35 डिग्री से अधिक होने के बाद पौधों की पत्तियां सूखने लगी। तीन दिन में ही पौधें मुरझाने लगे और इनका तना झुकने लग गया। इन्हें सीधा रखने के लिए पहले तो पौधों के सहारे लकडिय़ां लगाई गई। इसके बाद पौधों को धूप से बचाने के लिए कागज लपेटा गया। गोखले ने बताया कि परिसर में नारियल, अशोक, आम, नीम, अमरुद, सीताफल और नींबू के पौधों पर यह प्रयोग किया गया है।

जिसने रोपा पौधा, वो ही कर रहा सेवा
पौधरोपण अभियान के तहत कॉलेज के करीब 51 कर्मचारियों ने पौधें लगाकर इसकी सेवा का संकल्प लिया था। प्राचार्य डॉ. गोखले ने बताया कि करीब 10 माह से लगातार कर्मचारी नियमित तौर पर इनकी देखरेख में जुटे है। जुलॉजी के प्रोफेसर एमएस सोलंकी ने अपने जेब से 10 हजार रुपए खर्च कर कॉलेज में पौधारोपण भी कराया। पौधों को रोजाना सुबह-शाम पानी दिया जा रहा है। एक बार जैविक खाद भी डाली जा चुकी है।

पाइप लाइन बिछाने की योजना
हर पौधे की नियमित सिंचाई के लिए प्रबंधन द्वारा पाइप लाइन डालने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार हर पौधे तक ड्रिप लाइन डाली जाएगी। प्राचार्य ने बताया कि अभियान के तहत 300 पौधे रोपे थे। इसमें 280 पौधें जीवित होकर बढ़ रहे हंै।

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