12वीं के लिए भरा था प्रायवेट फॉर्म
कमल के दोस्त बालाराम सोलंकी और जगदीश झमरे ने बताया कि कमल पढ़ाई में होशियार था। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से 11वीं की उत्तीर्ण करने के बाद उसने 12वीं का फॉर्म प्रायवेट भरा था। वह उसकी तैयारी में जुटा था।
कमल के दोस्त बालाराम सोलंकी और जगदीश झमरे ने बताया कि कमल पढ़ाई में होशियार था। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से 11वीं की उत्तीर्ण करने के बाद उसने 12वीं का फॉर्म प्रायवेट भरा था। वह उसकी तैयारी में जुटा था।
सुबह ही हुई थी दोस्त से फोन पर बात
लंबे समय बाद खरगोन आए कमल ने शनिवार सुबह 8.20 बजे दोस्त जगदीश को फोन पर हालचाल पूछे। यह भी बताया कि वह दो दिन बाद लड़की देखने जाना है, लेकिन इसके पहले अच्छे कपड़े खरीदने और खुद को व्यवस्थित करने के लिए लड़की देखने का कार्यक्रम दो दिन आगे बढ़ा दिया। कमल के बड़े भाई जामसिंह ने बताया शनिवार को पहली बार खरगोन मजदूरी के खरगोन आया था। आने से पहले घर पर खाना खाया, टिफिन तैयार कराया और यहां आ गया। इसके बाद दोपहर में हादसे की सूचना मिल गई।
लंबे समय बाद खरगोन आए कमल ने शनिवार सुबह 8.20 बजे दोस्त जगदीश को फोन पर हालचाल पूछे। यह भी बताया कि वह दो दिन बाद लड़की देखने जाना है, लेकिन इसके पहले अच्छे कपड़े खरीदने और खुद को व्यवस्थित करने के लिए लड़की देखने का कार्यक्रम दो दिन आगे बढ़ा दिया। कमल के बड़े भाई जामसिंह ने बताया शनिवार को पहली बार खरगोन मजदूरी के खरगोन आया था। आने से पहले घर पर खाना खाया, टिफिन तैयार कराया और यहां आ गया। इसके बाद दोपहर में हादसे की सूचना मिल गई।
छज्जा गिरा तो चीख भी नहीं निकली
घटना के बाद निर्माणाधीन मकान के बरामदे में खून फैल गया। जहां कमल छज्जे के नीचे दबा वहां भी खून के धब्बे थे। उसके चप्पल यहां वहां पड़े थे। मौके की इन तस्वीरों ने परिजनों को विचलित कर दिया। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। साथी मजदूर गोलू मुजाल्दे ने बताया कमल सुबह से ही मलबा फेंकने का काम कर रहा था। घटना के पहले ही उसे देखा। जिस समय छज्जा उसके ऊपर गिरा उसकी चीख तक नहीं निकली। मैटेरियल हटाने के बाद देखा तो उसके चेहरे पर खून फैला था। उसकी मौत हो चुकी थी।
घटना के बाद निर्माणाधीन मकान के बरामदे में खून फैल गया। जहां कमल छज्जे के नीचे दबा वहां भी खून के धब्बे थे। उसके चप्पल यहां वहां पड़े थे। मौके की इन तस्वीरों ने परिजनों को विचलित कर दिया। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। साथी मजदूर गोलू मुजाल्दे ने बताया कमल सुबह से ही मलबा फेंकने का काम कर रहा था। घटना के पहले ही उसे देखा। जिस समय छज्जा उसके ऊपर गिरा उसकी चीख तक नहीं निकली। मैटेरियल हटाने के बाद देखा तो उसके चेहरे पर खून फैला था। उसकी मौत हो चुकी थी।