राजस्थान से मप्र के खरगोन तक पहुंचे
पुलिस ने जिन तीन लोगों को पकड़ा उनमें लक्की परमानन्द कश्यप (31), सोयल खान उर्फ मंजरयार न्याजुद्दीन पठान (23), कुलदीपसिंह उर्फ सोनु पिता बलजीतसिंह (21) शामिल थे। तीनों कोटा राजस्थान के गुमानपुरा थाना क्षेत्र के हैं। जब इनकी तलाशी ली गई तो लक्की के पास से एक देशी पिस्टल मय मैग्जीन के मिली। पैंट की जेब से 6 कारतुस मिले। सोयल के पास नीले रंग के बैग से मैग्जीन सहित 2 देशी पिस्टल और 7 राउंड जब्त किए। कुलदीपसिंह की कमर में भी 1 देशी पिस्टल व जेब में 6 कारतुस मिले।
पुलिस ने जिन तीन लोगों को पकड़ा उनमें लक्की परमानन्द कश्यप (31), सोयल खान उर्फ मंजरयार न्याजुद्दीन पठान (23), कुलदीपसिंह उर्फ सोनु पिता बलजीतसिंह (21) शामिल थे। तीनों कोटा राजस्थान के गुमानपुरा थाना क्षेत्र के हैं। जब इनकी तलाशी ली गई तो लक्की के पास से एक देशी पिस्टल मय मैग्जीन के मिली। पैंट की जेब से 6 कारतुस मिले। सोयल के पास नीले रंग के बैग से मैग्जीन सहित 2 देशी पिस्टल और 7 राउंड जब्त किए। कुलदीपसिंह की कमर में भी 1 देशी पिस्टल व जेब में 6 कारतुस मिले।
यहां सस्ते हथियार, आसानी से उपलब्ध, इसलिए आए
बदमाशो ने बताया देसी कट्टे खरगोन जिले में सस्ते दामों पर मिलते हैं। यहीं कारण है कि वे राजस्थान से खरगोन तक केवल हथियार खरीदने ही पहुंचे। सीधे बेचने वाले से संपर्क किया। पुलिस ने यह भी बताया कि इसके पहले भी क्षेत्र में बने अवैध हथियार राजस्थान सहित, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में फैलाए गए हैं।
बदमाशो ने बताया देसी कट्टे खरगोन जिले में सस्ते दामों पर मिलते हैं। यहीं कारण है कि वे राजस्थान से खरगोन तक केवल हथियार खरीदने ही पहुंचे। सीधे बेचने वाले से संपर्क किया। पुलिस ने यह भी बताया कि इसके पहले भी क्षेत्र में बने अवैध हथियार राजस्थान सहित, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में फैलाए गए हैं।
ग्राम गारी के जगन सिकलीगर से खरीदे हथियार
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अवैध हथियार उन्होंने ग्राम गारी के जगन अनारसिंह सिकलीगर से खरीदे हैं। 10 हजार रुपए प्रति नग के हिसाब से चार पिस्टल 4 हजार में और 19 जिंदा कारतूस प्रति नग 600 रुपए के हिसाब से 11400 में लिए गए थे।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अवैध हथियार उन्होंने ग्राम गारी के जगन अनारसिंह सिकलीगर से खरीदे हैं। 10 हजार रुपए प्रति नग के हिसाब से चार पिस्टल 4 हजार में और 19 जिंदा कारतूस प्रति नग 600 रुपए के हिसाब से 11400 में लिए गए थे।
गांव के लोगों में डर बना रहे इसके लिए खरीदे अवैध हथियार
आरोपियों ने बताया यह देसी कट्टे उन्होंने अपने गांव में लोगों के बीच दशहत पैदा करने के लिए रखे थे। बदमाशों ने यह भी बताया कि गांव में लड़ाई-झगड़े की पुरानी रंजिश के चलते बदला लेने के लिए हथियारों की जरूरत थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह हथियार केवल दिखावे के लिए नहीं, जरूरत पडऩे पर वह इसका उपयोग भी करते।
आरोपियों ने बताया यह देसी कट्टे उन्होंने अपने गांव में लोगों के बीच दशहत पैदा करने के लिए रखे थे। बदमाशों ने यह भी बताया कि गांव में लड़ाई-झगड़े की पुरानी रंजिश के चलते बदला लेने के लिए हथियारों की जरूरत थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह हथियार केवल दिखावे के लिए नहीं, जरूरत पडऩे पर वह इसका उपयोग भी करते।