गुरुवार को होगी विदाई
पंडित आनंद स्वरूप मलतारे ने बताया मंगलवार को मन्नतधारी परिवार माता के रथ बौढ़ाएंगे। बुधवार को परंपरागत रूप से बेटी की विदाई नहीं होती, लिहाजा जवारों का विसर्जन गुरुवार से होगा। जहां मन्नतधारी परिवार ज्यादा है वहां गुरुवार को भी रथ बौढ़ाने की परंपरा निभाई जाएगी। शहर में तीस से अधिक बाडिय़ों में सोमवार को अल सुबह से ही पूजन का दौर चला। दोपहर करीब 12 बजे बाद रथों में रखकर जवारे श्रद्धालु घर ले गए।
पंडित आनंद स्वरूप मलतारे ने बताया मंगलवार को मन्नतधारी परिवार माता के रथ बौढ़ाएंगे। बुधवार को परंपरागत रूप से बेटी की विदाई नहीं होती, लिहाजा जवारों का विसर्जन गुरुवार से होगा। जहां मन्नतधारी परिवार ज्यादा है वहां गुरुवार को भी रथ बौढ़ाने की परंपरा निभाई जाएगी। शहर में तीस से अधिक बाडिय़ों में सोमवार को अल सुबह से ही पूजन का दौर चला। दोपहर करीब 12 बजे बाद रथों में रखकर जवारे श्रद्धालु घर ले गए।
शिवजी के रूप में धणियर व माता रूप में गणगौर का शृंगार
शहर के बिहारी काका चने वाले व उनके बेटे अजय वर्मा, विजय वर्मा ने गणगौर पर्व के लिए स्पेशल रथ तैयार किए हैं। इसमें धणियर राजा के लिए महाकाल उज्जैन के धीरीराज महादेव रूप में व गणगौर के लिए राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी हरसिद्धि माता रूप में रथ बनाए हैं। सोमवार को यह आकर्षण का केंद्र रहे।
शहर के बिहारी काका चने वाले व उनके बेटे अजय वर्मा, विजय वर्मा ने गणगौर पर्व के लिए स्पेशल रथ तैयार किए हैं। इसमें धणियर राजा के लिए महाकाल उज्जैन के धीरीराज महादेव रूप में व गणगौर के लिए राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी हरसिद्धि माता रूप में रथ बनाए हैं। सोमवार को यह आकर्षण का केंद्र रहे।
विसर्जन स्थल तय, नपा संभालेगी व्यवस्था
कुंदा नदी तट पर अलग-अलग क्षेत्रों में विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। यह व्यवस्था नगरपालिका ने की है। यहां विद्युत व्यवस्था के बीच माता जवारे विसर्जित होंगे। कोई जनहानि न हो इसके लिए गौताखोरों की व्यवस्था भी की गई है। होमगार्ड विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है।
कुंदा नदी तट पर अलग-अलग क्षेत्रों में विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। यह व्यवस्था नगरपालिका ने की है। यहां विद्युत व्यवस्था के बीच माता जवारे विसर्जित होंगे। कोई जनहानि न हो इसके लिए गौताखोरों की व्यवस्था भी की गई है। होमगार्ड विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है।